मध्य प्रदेश की सियासत में इन दिनों सबसे बड़ा सवाल यही है — बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? बीते कुछ महीनों से पार्टी के अंदर और बाहर इसको लेकर चर्चाओं का दौर लगातार जारी है। हालांकि, अब माना जा रहा है कि जुलाई में इस पर तस्वीर साफ हो सकती है।
लंबे समय से अटका है फैसला
मध्य प्रदेश बीजेपी में पहली बार ऐसा हुआ है कि प्रदेश अध्यक्ष चुनने में इतना वक्त लग गया। जनवरी-फरवरी में ही नए अध्यक्ष के नाम को लेकर जोरदार चर्चाएं थीं। तब सियासी गलियारों में तय माना जा रहा था कि जल्द ही पार्टी घोषणा कर देगी, लेकिन बात बनी नहीं।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, पार्टी के अंदरूनी समीकरण और अन्य राजनीतिक एजेंडों की वजह से यह मामला बार-बार टलता रहा। अब जुलाई में नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा की प्रबल संभावना जताई जा रही है।
राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ा बदलाव संभव
दरअसल, बीजेपी में जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी होना है। साथ ही पार्टी ने 10 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने की योजना बनाई है, जिसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है। यही वजह है कि अब एमपी में भी नए चेहरे को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं।
कौन-कौन हैं रेस में? जानिए संभावित नाम
प्रदेश अध्यक्ष की रेस में जातिगत समीकरणों और गुटीय राजनीति का खासा असर देखने को मिल रहा है। अलग-अलग वर्गों और समूहों से जुड़े कई बड़े नेताओं के नाम चर्चा में हैं।
1. सवर्ण नेताओं में सबसे आगे – राजेंद्र शुक्ल
- वर्तमान में डिप्टी सीएम
- पांच बार के विधायक
- कैबिनेट में खनन, ऊर्जा, स्वास्थ्य जैसे अहम विभाग संभाले
- संगठन में मजबूत पकड़
2. कैलाश विजयवर्गीय
- नगरीय प्रशासन मंत्री
- अमित शाह के करीबी
- दिल्ली तक पकड़ और संगठन में मजबूत भूमिका
- पूर्व राष्ट्रीय महासचिव
3. अरविंद भदौरिया और प्रहलाद पटेल
दोनों ही नेता भी प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में माने जा रहे हैं। प्रहलाद पटेल केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं।
4. हेमंत खंडेलवाल – मोहन सरकार की पसंद?
- बैतूल के पूर्व सांसद, तीन बार विधायक
- बीजेपी के संस्थापक सदस्य विजय खंडेलवाल के बेटे
- शिवराज सरकार में राज्य कोषाध्यक्ष रह चुके हैं
5. नरोत्तम मिश्रा
- पूर्व गृह मंत्री
- 2023 का विधानसभा चुनाव हारे
- दो दशकों तक विभिन्न अहम विभागों के मंत्री रहे
- अमित शाह के भरोसेमंद नेताओं में शामिल
क्या जातिगत समीकरण तय करेंगे चेहरा?
बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष के चयन में जातिगत संतुलन पर भी नजर है। इसी कड़ी में निम्नलिखित नाम चर्चा में हैं:
- लाल सिंह आर्य — राष्ट्रीय एससी मोर्चा के प्रमुख
- प्रदीप लारिया — सागर जिले से विधायक
महिला चेहरा भी हो सकता है चौंकाने वाला फैसला
अगर बीजेपी प्रदेश में किसी महिला नेता को जिम्मेदारी देने का फैसला करती है, तो कई नाम सामने आ चुके हैं:
- लता वानखेड़े — सागर सांसद, हालांकि उन्होंने मना करने की खबरें
- रीति पाठक — सांसद, पर सहमति नहीं देने की चर्चा
- हिमाद्री सिंह — शहडोल सांसद, फिलहाल सबसे मजबूत दावेदार
आदिवासी चेहरा — गजेंद्र पटेल का नाम भी चर्चा में
यदि अनुसूचित जनजाति समुदाय से अध्यक्ष चुना जाता है तो खरगोन के सांसद गजेंद्र पटेल सबसे संभावित नाम माने जा रहे हैं।
क्या बीजेपी करेगी बड़ा सरप्राइज?
बीजेपी ने मुख्यमंत्री चयन के समय भी सबको चौंकाया था। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी पार्टी अप्रत्याशित फैसला ले सकती है। कुछ नया नाम सामने लाकर पार्टी सभी समीकरण बदल सकती है।
देरी की असली वजह — गुटबाजी या रणनीति?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि:
- बीजेपी हर बड़े फैसले में गहरा चिंतन करती है
- विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी में गुटबाजी चरम पर है
- शिवराज, सिंधिया और मोहन यादव तीन अलग गुट
- सभी में संतुलन बैठाना चुनौतीपूर्ण
अब नजरें जुलाई पर — कितना और इंतजार?
जुलाई में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान होने की संभावना प्रबल मानी जा रही है। देखना होगा कि बीजेपी इस बार संतुलित चेहरा सामने लाती है या कोई बड़ा सरप्राइज देती है।
निष्कर्ष: सस्पेंस कायम, लेकिन जल्द होगा फैसला
मध्य प्रदेश बीजेपी में नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। तमाम सियासी समीकरणों और गुटीय राजनीति के बीच अब सभी की नजरें पार्टी के अगले कदम पर टिकी हैं। अगर आप भी प्रदेश की राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं, तो जुलाई का महीना बेहद अहम साबित हो सकता है।