BY: Yoganand Shrivastva
पटना बिहार: मोकामा में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड में दर्ज FIR ने चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 30 अक्टूबर को जेडीयू और जन सुराज पार्टी के समर्थकों के बीच हुई झड़प के दौरान जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह ने कथित रूप से दुलारचंद यादव पर गोली चलाई और बाद में उनके समर्थकों ने थार SUV से कुचलकर उनकी हत्या कर दी।
झड़प के दौरान हुआ हमला
FIR में बताया गया है कि घटना उस वक्त हुई जब जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में दुलारचंद प्रचार कर रहे थे। उसी दौरान अनंत सिंह अपने दल-बल के साथ तारतर गांव पहुंचे। दोनों पक्षों के समर्थकों में कहासुनी के बाद हिंसा भड़क गई। शिकायत के मुताबिक, अनंत सिंह अपने साथियों के साथ दुलारचंद की गाड़ी के पास आए और उन्हें गालियां देने लगे। विरोध करने पर राजवीर सिंह और कर्मवीर सिंह नामक दो लोगों ने दुलारचंद को जबरन गाड़ी से बाहर खींच लिया।
गोली और कुचलने का आरोप
FIR में यह भी आरोप लगाया गया है कि अनंत सिंह ने अपनी कमर से पिस्तौल निकालकर दुलारचंद पर गोली चलाई, जो उनके बाएं टखने में लगी। इसके बाद घायल दुलारचंद पर छोटन सिंह और संजय सिंह ने लोहे की रॉड से हमला किया। FIR के अनुसार, जब दुलारचंद जमीन पर गिर गए, तो अनंत सिंह के समर्थकों ने उन्हें थार SUV से दो से तीन बार कुचल दिया और मौके से फरार हो गए।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में नया खुलासा
31 अक्टूबर को कराए गए पोस्टमॉर्टम में पाया गया कि दुलारचंद की मौत गोली से नहीं, बल्कि फेफड़ा फटने और सीने की कई पसलियां टूटने की वजह से हुई। रिपोर्ट के अनुसार, यह चोटें किसी भारी वाहन से कुचलने पर हुई थीं।
पुलिस ने की गिरफ्तारी
पटना पुलिस ने 1 नवंबर की देर रात अनंत सिंह को उनके दो सहयोगियों मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम के साथ गिरफ्तार कर लिया। SSP कार्तिकेय के. शर्मा ने बताया कि गिरफ्तारी CCTV फुटेज, गवाहों के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
SSP के अनुसार, “सबूतों से स्पष्ट है कि घटना के समय अनंत सिंह मौके पर मौजूद थे और हत्या में उनकी भूमिका पाई गई है।” तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा और पुलिस रिमांड की मांग करेगी। फिलहाल, इस सनसनीखेज वारदात में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश के लिए छापेमारी जारी है।





