मोहिनी मोहन दत्ता: रतन टाटा की वसीयत में 500 करोड़ रुपए की संपत्ति
1. परिचय
रतन टाटा, जो टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष थे, की वसीयत के बाद मोहिनी मोहन दत्ता का नाम चर्चा में आया। रतन टाटा ने अपनी वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता को 500 करोड़ रुपये की संपत्ति दी है, लेकिन यह संपत्ति मिलने में कुछ समय लगेगा।
2. मोहिनी मोहन दत्ता कौन हैं?
मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर से एक प्रमुख व्यवसायी हैं और स्टैलियन कंपनी के सह-संस्थापक हैं।
- हिस्सेदारी: उनके पास स्टैलियन में 80% हिस्सेदारी थी, जबकि टाटा इंडस्ट्रीज के पास 20% हिस्सेदारी थी।
- टाटा परिवार से संबंध: मोहिनी मोहन दत्ता टाटा परिवार के बहुत करीबी रहे हैं और रतन टाटा के साथ उनका संबंध छह दशकों से भी पुराना है।
3. रतन टाटा से पहली मुलाकात
मोहिनी मोहन दत्ता ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात रतन टाटा से जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में हुई थी, जब वह केवल 24 साल के थे। रतन टाटा ने उन्हें जीवन में सफलता पाने के लिए मदद और मार्गदर्शन दिया।
4. वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता का नाम
रतन टाटा की वसीयत में मोहिनी मोहन दत्ता का नाम आने के बाद लोग उनके बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गए हैं।
- वसीयत में संपत्ति: वसीयत के अनुसार, मोहिनी मोहन दत्ता को 500 करोड़ रुपये की संपत्ति दी जाएगी, लेकिन यह प्रोबेट प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही मिलेगा, जो कम से कम छह महीने का समय ले सकता है।
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5. टाटा परिवार के साथ गहरे रिश्ते
मोहिनी मोहन दत्ता का टाटा परिवार से न केवल व्यापारिक बल्कि व्यक्तिगत संबंध भी रहा है।
- परिवारिक संबंध: रिपोर्ट के अनुसार, उनकी बेटी भी टाटा समूह के साथ जुड़ी हुई थीं और उन्होंने ताज होटल और टाटा ट्रस्ट में काम किया था।
6. रतन टाटा की वसीयत
रतन टाटा की वसीयत को उनके निधन के बाद सार्वजनिक किया गया था, जिसमें उनकी संपत्ति का वितरण किया गया था।
- संपत्ति का विवरण: वसीयत में अलीबाग में एक समुद्र किनारे का बंगला, जुहू में दो मंजिला घर, 350 करोड़ रुपये से अधिक की जमा संपत्ति, और टाटा सन्स में हिस्सेदारी शामिल है।
- पालतू कुत्ते की देखभाल: रतन टाटा ने अपने पालतू कुत्ते की देखभाल के लिए भी एक रकम तय की है।
- टाटा सन्स की हिस्सेदारी: रतन टाटा ने टाटा सन्स की हिस्सेदारी को रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया है।
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