बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। जिससे स्पष्ट है कि एक बार फिर वो बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकती हैं। बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवाँ को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल। अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। जबसे पार्टी ने श्री आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात में उसे बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें।
इसके आगे उन्होंने कहा कि पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गयी, जबकि मान्यवर श्री कांशीराम जी ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव?
3. क्योंकि उस समय केन्द्र की कांग्रेसी सरकार की भी नीयत खराब हो चुकी थी, जो कुछ भी अनहोनी के बाद यहाँ यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर, पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी, जिनका यह षड़यन्त्र बीएसपी ने फेल कर दिया था। 3/6
— Mayawati (@Mayawati) August 26, 2024
इसके अलावा मायावती ने एक बार फिर सपा और कांग्रेस पर हमला करते हुए लिखा- सपा जिसने 2 जून 1995 में बीएसपी द्वारा समर्थन वापिसी पर मुझ पर जानलेवा हमला कराया था तो इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है? जबकि उस दौरान् केन्द्र में रही कांग्रेसी सरकार ने भी समय से अपना दायित्व नहीं निभाया था। तभी फिर मान्य. श्री कांशीराम जी को अपनी बीमारी की गम्भीर हालत में भी हॉस्पिटल छोड़कर रात को इनके मा. गृह मन्त्री को भी हड़काना पड़ा था तथा विपक्ष ने भी संसद को घेरा, तब जाकर यह कांग्रेसी सरकार हरकत में आई थी। क्योंकि उस समय केन्द्र की कांग्रेसी सरकार की भी नीयत खराब हो चुकी थी, जो कुछ भी अनहोनी के बाद यहाँ यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर, पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी, जिनका यह षड़यन्त्र बीएसपी ने फेल कर दिया था।
2.अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। जबसे पार्टी ने श्री आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात में उसे बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें।
— Mayawati (@Mayawati) August 26, 2024
उन्होंने आगे बीजेपी की तारीफ करते हुए लिखा उस समय सपा के आपराधिक तत्वों से बीजेपी सहित समूचे विपक्ष ने मानवता व इन्सानियत के नाते मुझे बचाने में जो अपना दायित्व निभाया है तो इसकी कांग्रेस को बीच-बीच मे तकलीफ क्यों होती रहती है, लोग सचेत रहें।
मायावती ने आगे लिखा- इसके इलावा, बीएसपी वर्षों से जातीय जनगणना के लिए पहले केन्द्र में कांग्रेस पर और अब बीजेपी पर भी अपना पूरा दबाव बना रही है, जिसकी पार्टी वर्षों से इसकी पक्षधर रही है तथा अभी भी है। लेकिन जातीय जनगणना के बाद, क्या कांग्रेस SC, ST व OBC वर्गों का वाजिब हक दिला पायेगी? जो SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर अभी भी चुप्पी साधे हुए है, जवाब दे।