उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से संपत्ति घोषणा को अनिवार्य बनाए रखा है। साल 2025 में इस प्रक्रिया में कुछ नए नियम और समयसीमाएं लागू की गई हैं, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इस लेख में हम नवीनतम संपत्ति अपडेट नियमों, प्रक्रिया और हालिया अनिवार्यता के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। वर्तमान तिथि 25 मार्च 2025 मानते हुए यह जानकारी तैयार की गई है।
परिचय: मानव संपदा और संपत्ति घोषणा का महत्व
मानव संपदा उत्तर प्रदेश सरकार का एक ऑनलाइन मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (HRMS) प्लेटफॉर्म है, जिसे सरकारी कर्मचारियों की सेवा से जुड़े कार्यों जैसे अवकाश प्रबंधन, स्थानांतरण, और संपत्ति घोषणा के लिए शुरू किया गया था। यह पोर्टल कर्मचारियों और अधिकारियों के डेटा को डिजिटल रूप में व्यवस्थित करता है। साल 2025 में संपत्ति घोषणा को लेकर नई अनिवार्यता लागू की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रशासन में पारदर्शिता लाना और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करना है। यह कदम सरकार की डिजिटल सुधार नीति का हिस्सा है और कर्मचारियों के लिए अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड व्यवस्थित करने का एक आसान तरीका प्रदान करता है।
नवीनतम नियम: 2025 के लिए अपडेट
- समयसीमा और अनिवार्यता
उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2025 तक अर्जित अपनी संपत्ति का ब्योरा 31 जनवरी 2026 तक मानव संपदा पोर्टल पर जमा करना होगा। तकनीकी कठिनाइयों और कर्मचारियों की मांग को ध्यान में रखते हुए समयसीमा को बढ़ाकर 15 फरवरी 2026 तक करने का प्रस्ताव विचाराधीन है, हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि बाकी है। - लागू होने वाले कर्मचारी और अधिकारी
यह नियम राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू है, जिसमें ग्रुप A से लेकर ग्रुप D तक के कर्मचारी शामिल हैं। IAS, PCS और IPS अधिकारियों के लिए संपत्ति घोषणा स्पैरो पोर्टल पर की जाएगी, जबकि शेष कर्मचारियों के लिए मानव संपदा ही एकमात्र मंच रहेगा। - नियमों का आधार
यह प्रक्रिया उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 1956 के नियम 24 पर आधारित है। संपत्ति घोषणा न करने पर कर्मचारी के प्रमोशन और वेतन वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जो 2025 में और सख्ती से लागू किया जा रहा है।
संपत्ति घोषणा की प्रक्रिया: चरण-दर-चरण जानकारी
- पोर्टल पर लॉगिन और पंजीकरण
कर्मचारियों को आधिकारिक वेबसाइट ehrms.upsdc.gov.in पर जाना होगा। अपने कर्मचारी कोड और पासवर्ड का उपयोग करके लॉगिन करें। यदि पासवर्ड भूल गए हैं, तो “पासवर्ड रीसेट” विकल्प का उपयोग करें। 2025 में पोर्टल पर दो-चरणीय सत्यापन (Two-Factor Authentication) लागू होने की संभावना है, जिसके लिए मोबाइल नंबर अपडेट रखना जरूरी होगा। - संपत्ति विवरण दर्ज करना
लॉगिन के बाद “संपत्ति घोषणा” सेक्शन में जाएं। यहां चल संपत्ति (जैसे बैंक बैलेंस, वाहन) और अचल संपत्ति (जैसे जमीन, मकान) का विवरण भरना होगा। संपत्ति का प्रकार, स्थान, मूल्य और अधिग्रहण की तारीख जैसे बिंदुओं को सावधानी से दर्ज करें। यदि कोई दस्तावेज (जैसे रजिस्ट्री) अपलोड करना हो, तो उसे स्कैन करके संलग्न करें। फॉर्म सबमिट करने के बाद पुष्टिकरण संदेश या ईमेल प्राप्त करें। - तकनीकी सहायता
पोर्टल पर कोई समस्या होने पर अपने विभाग के नोडल अधिकारी से संपर्क करें। 2025 में पोर्टल पर एक चैटबॉट सुविधा शुरू करने की योजना है, जो तकनीकी सहायता को और आसान बनाएगी। इसके अलावा, हेल्पलाइन नंबर और ट्यूटोरियल भी उपलब्ध रहेंगे।
नियमों का पालन न करने के परिणाम
संपत्ति घोषणा में देरी या अनुपालन न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमों के तहत वेतन रोकने या प्रमोशन पर रोक लगाई जा सकती है। उदाहरण के लिए, यदि 2025 में 8.5 लाख कर्मचारियों में से एक बड़ा हिस्सा समयसीमा तक ब्योरा जमा नहीं करता, तो सरकार सख्त कदम उठा सकती है, जैसा कि पिछले वर्षों में देखा गया है। समयसीमा बढ़ाने का फैसला कर्मचारियों की भागीदारी पर निर्भर करेगा।
उद्देश्य और लाभ
- सरकार का दृष्टिकोण
सरकार का लक्ष्य संपत्ति घोषणा के जरिए प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाना और भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण करना है। 2025 में डिजिटल इंडिया अभियान के तहत सभी रिकॉर्ड को और मजबूत करने की योजना है। - कर्मचारियों के लिए लाभ
कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड व्यवस्थित करने में आसानी होगी। साथ ही, प्रमोशन और वेतन संबंधी प्रक्रियाओं में देरी से बचने के लिए यह जरूरी है। डिजिटल रिकॉर्ड भविष्य में संपत्ति विवादों को सुलझाने में भी मददगार साबित होगा।
निष्कर्ष
संपत्ति घोषणा 2025 उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य और महत्वपूर्ण कदम है। समयसीमा, नियम और प्रक्रिया को समझकर सभी कर्मचारियों को अपना ब्योरा समय पर जमा करना चाहिए। तकनीकी सहायता का लाभ उठाएं और प्रशासन में पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा देने में अपना योगदान दें। यह न केवल व्यक्तिगत हित में है, बल्कि राज्य के विकास के लिए भी एक सकारात्मक पहल है।
अतिरिक्त संसाधन
- पोर्टल लिंक: ehrms.upsdc.gov.in
- हेल्पलाइन: पोर्टल पर उपलब्ध नंबर या अपने नोडल अधिकारी से संपर्क करें।
- संबंधित शासनादेश: शासनादेश संख्या 615, दिनांक 15 मार्च 2025