Mohit Jain
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 40 से अधिक प्रॉपर्टीज को अटैच कर दिया है। इनमें उनका मुंबई के पाली हिल स्थित आलीशान घर ‘अबोड’ भी शामिल है। जब्त की गई सभी संपत्तियों की कुल कीमत लगभग ₹3,084 करोड़ बताई जा रही है। यह कार्रवाई PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की धारा 5(1) के तहत 31 अक्टूबर 2025 को की गई।
यस बैंक लोन से जुड़ा फंड डायवर्जन मामला

ED की जांच में सामने आया कि रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) में बड़े पैमाने पर फंड डायवर्जन किया गया। 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने RHFL में ₹2,965 करोड़ और RCFL में ₹2,045 करोड़ का निवेश किया था। बाद में यह राशि नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) बन गई। दिसंबर 2019 तक RHFL पर ₹1,353 करोड़ और RCFL पर ₹1,984 करोड़ बकाया रहे, जिससे बैंक को ₹2,700 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ।
ED के अनुसार, इन फंड्स को रिलायंस ग्रुप की अन्य कंपनियों में डायवर्ट किया गया। जांच में यह भी पाया गया कि लोन अप्रूवल प्रक्रिया में कई अनियमितताएं थीं जैसे कई लोन उसी दिन अप्लाई, अप्रूव और डिस्बर्स किए गए। फील्ड वेरिफिकेशन और डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया अधूरी थी और कई दस्तावेज ब्लैंक या डेटलेस पाए गए। ED ने इसे “जानबूझकर की गई कंट्रोल विफलता” बताया है।
दिल्ली से चेन्नई तक फैली हैं जब्त संपत्तियां

ED द्वारा अटैच की गई संपत्तियां देश के कई बड़े शहरों दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई, कांचीपुरम और ईस्ट गोदावरी में फैली हुई हैं। इनमें रिहायशी मकान, ऑफिस स्पेस और जमीन के टुकड़े शामिल हैं। इनमें सबसे चर्चित प्रॉपर्टी अनिल अंबानी का पाली हिल वाला घर है, जो करीब 16,000 वर्ग फीट में फैला हुआ है।
आलीशान ‘अबोड’ बंगले की खासियत
अनिल अंबानी अपने इस ‘अबोड’ बंगले में पत्नी टीना मुनिम अंबानी और बेटों जय अनमोल व जय अनशुल अंबानी के साथ रहते हैं। इस बंगले में स्विमिंग पूल, जिम, हेलीपैड, पार्किंग स्पेस और एक बड़ा लाउंज एरिया है, जहां अंबानी परिवार का लग्जरी कार कलेक्शन रखा गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन कारों में रोल्स रॉयस, लेक्सस, पोर्शे, ऑडी और मर्सिडीज जैसी गाड़ियां शामिल हैं।

जांच में सामने आईं बड़ी गड़बड़ियां
ED की जांच में सामने आया कि यस बैंक से मिले लोन को गलत तरीके से फर्जी कंपनियों के जरिए दूसरी इकाइयों में ट्रांसफर किया गया। कई कंपनियों में एक ही डायरेक्टर और एड्रेस का इस्तेमाल किया गया था, और कई मामलों में जरूरी दस्तावेज ही नहीं मिले। पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन देने जैसी ‘लोन एवरग्रीनिंग’ की प्रथा भी उजागर हुई।
CBI भी इस मामले की जांच कर रही है और यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर का नाम भी इसमें शामिल है। इसके अलावा, नेशनल हाउसिंग बैंक, SEBI, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी एजेंसियां भी ED के साथ जानकारी साझा कर रही हैं।
वर्तमान में ED की टीमें इस पूरे नेटवर्क से जुड़े फंड ट्रेल को ट्रैक करने में लगी हैं, ताकि आगे और संपत्तियां अटैच की जा सकें। अभी तक करीब ₹3,084 करोड़ मूल्य की प्रॉपर्टीज जब्त की जा चुकी हैं, और जांच जारी है।





