Mohit Jain
मध्यप्रदेश में नवंबर की ठंड ने इस बार रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भोपाल में 84 साल बाद सबसे ज्यादा ठंड पड़ी जबकि इंदौर में 25 साल का रिकॉर्ड टूट गया। मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के अनुसार, अब प्रदेश में नवंबर के आखिरी सप्ताह में ठंड से थोड़ी राहत मिलेगी।
साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) के कारण प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। लगातार तीसरे दिन भोपाल समेत कई जिलों में हल्के बादल रहे। इससे दिन का तापमान गिर गया और हल्की ठंडक बनी रही। सोमवार को भोपाल में दिन का तापमान 26.4 डिग्री दर्ज किया गया।
दिन और रात के तापमान में बदलाव
प्रदेश के अन्य जिलों में भी तापमान में हल्की गिरावट रही। बालाघाट के मलाजखंड में 25 डिग्री, रायसेन में 26.6 डिग्री, श्योपुर में 26.2 डिग्री और दतिया में 26.4 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि बादलों की वजह से दिन का पारा लुढ़क गया है, जबकि रात का तापमान फिलहाल स्थिर बना रहेगा।
पहाड़ों में बर्फबारी से शीतलहर का असर
प्रदेश में ठंड का दौर 6 नवंबर से शुरू हो गया था। सामान्यतः नवंबर के दूसरे पखवाड़े से तेज ठंड पड़ती है, लेकिन इस बार हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में समय से पहले बर्फबारी हो गई। इसके कारण ठंडी हवाओं ने मध्यप्रदेश में शीतलहर का असर दिखाया। भोपाल में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली, जो साल 1931 के बाद सबसे लंबा रिकॉर्ड माना जा रहा है। रात का पारा 5.2 डिग्री तक गिर गया था, जो ओवरऑल रिकॉर्ड रहा।

अगले दिनों का मौसम
वर्तमान में हवा की दिशा बदल गई है और उत्तर से ठंडी हवाएं प्रदेश में नहीं आ रही हैं। इसलिए पिछले तीन दिन से प्रदेश में कहीं भी शीतलहर नहीं चली। विशेषज्ञों का कहना है कि इस सप्ताह कड़ाके की ठंड का अनुमान नहीं है। लेकिन दिसंबर के पहले सप्ताह में ठंड का दौर फिर से शुरू होने की संभावना है।





