by: vijay nandan
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती हाल ही में लखनऊ में हुई ऐतिहासिक रैली की सफलता से बेहद खुश हैं। रैली के बाद आज वे प्रदेश पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर रही हैं, जिसमें आगामी 2027 विधानसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा होगी। 9 अक्टूबर को आयोजित इस रैली में राज्यभर से आए पांच लाख से अधिक कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने हिस्सा लिया था। बसपा संस्थापक कांशीराम के 19वें परिनिर्वाण दिवस पर हुई इस रैली को पार्टी ने “महासंकल्प रैली” का नाम दिया था, जो बीते कई वर्षों में बसपा की सबसे बड़ी सभाओं में से एक रही।
2027 के लिए नए उत्साह के साथ तैयारी
लखनऊ के पार्टी मुख्यालय में हो रही बैठक में मायावती प्रदेश अध्यक्षों, मंडल प्रभारियों और जिला पदाधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा करेंगी। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य रैली को सफल बनाने वालों को धन्यवाद देना और आगे की रणनीति तय करना है।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में मायावती कार्यकर्ताओं की मेहनत की सराहना करेंगी और उन्हें 2027 चुनावों के लिए सक्रिय रहने का संदेश देंगी। इसके साथ ही पार्टी का “सोशल इंजीनियरिंग मॉडल” एक बार फिर मजबूत करने की योजना पर भी चर्चा होगी। 9 अक्टूबर की रैली में मायावती ने स्पष्ट रूप से कहा कि बसपा किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी, बल्कि “बहुजन समाज के हितों के लिए अकेले लड़ेगी। मंच से उन्होंने सपा, कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अन्य दल सत्ता के लिए गठबंधन करते हैं, हम समाज के उत्थान के लिए संघर्ष करते हैं।
#WATCH | BSP chief Mayawati holds a meeting with party workers in Lucknow pic.twitter.com/zOVoe5W4x1
— ANI (@ANI) October 16, 2025
रैली में मायावती के साथ उनके भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद भी मौजूद थे। उन्होंने कांशीराम के मिशन को आगे बढ़ाने का आह्वान किया और आरक्षण, सामाजिक न्याय और संगठन विस्तार पर जोर दिया। रैली की सफलता के बाद पार्टी में नया उत्साह देखने को मिल रहा है। बसपा नेताओं का कहना है कि यह कार्यक्रम पार्टी के पुनर्जीवन का प्रतीक साबित होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह रैली 2027 के चुनाव से पहले बसपा के लिए राजनीतिक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकती है, क्योंकि पार्टी फिर से दलित, मुस्लिम, ओबीसी और सवर्ण वोटर्स को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही है।
बैठक में यह भी तय किया जाएगा कि बसपा अपने संगठन को जमीनी स्तर पर कैसे मजबूत करेगी। मायावती स्वयं मंडल स्तर पर कैडर कैंप आयोजित करेंगी, जबकि आकाश आनंद पूरे प्रदेश में जनसभाएं और संवाद कार्यक्रम करेंगे।
लखनऊ रैली ने बसपा को नई राजनीतिक ऊर्जा दी है। मायावती की अगुवाई में पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर मजबूती से उतरने की तैयारी कर रही है। उनकी आज की बैठक न केवल आभार प्रकट करने का मंच होगी, बल्कि बसपा के अगले बड़े राजनीतिक अभियान की दिशा भी तय करेगी।





