कोयल गांव, राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील में एक छोटा सा ग्राम है, जो निम्बी जोधा से लगभग 3 किलोमीटर और लाडनूं से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गांव अपनी सादगी, शांत वातावरण और धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। कोयल गांव में भगवान सत्यनारायण का मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां भक्त सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अतिरिक्त, इस मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति भी स्थापित है, जो भक्तों के बीच विशेष श्रद्धा का केंद्र है।
मंदिर का स्थान
- पता: कोयल गांव, लाडनूं तहसील, नागौर, राजस्थान, पिन कोड – 341316।
- निकटतम डाकघर: निम्बी जोधा।
- ऊंचाई: समुद्र तल से लगभग 330 मीटर।
- कनेक्टिविटी: गांव लाडनूं-निम्बी जोधा मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है। नजदीकी रेलवे स्टेशन लाडनूं (13-18 किमी) और हवाई अड्डा जयपुर (184 किमी) है।
हनुमान जी की मूर्ति और इसका महत्व
हालांकि कोयल गांव का सत्यनारायण मंदिर मुख्य रूप से भगवान सत्यनारायण (भगवान विष्णु का रूप) को समर्पित है, लेकिन इसमें भगवान हनुमान की मूर्ति भी स्थापित है। हनुमान जी को भक्ति, शक्ति, और समर्पण का प्रतीक माना जाता है, और उनकी उपस्थिति मंदिर को और अधिक पवित्र बनाती है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार:
- मूर्ति की विशेषता: मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति पारंपरिक रूप में स्थापित है, संभवतः गदा धारण किए हुए और भगवान राम के प्रति समर्पण का भाव प्रदर्शित करते हुए।
- धर्मिक महत्व: हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को की जाती है, जब भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। सत्यनारायण पूजा के साथ-साथ हनुमान जी की आराधना से भक्तों को मानसिक शांति और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

वेब स्रोतों के अनुसार, कोयल गांव में एक प्राचीन बाल हनुमान मंदिर भी है, जो लगभग 250 वर्ष पुराना बताया जाता है। यह मंदिर सत्यनारायण मंदिर से अलग हो सकता है, लेकिन यह संभव है कि सत्यनारायण मंदिर परिसर में ही हनुमान जी की मूर्ति स्थापित हो, जैसा कि कई भारतीय मंदिरों में प्रचलित है। इस बाल हनुमान मंदिर के बारे में निम्नलिखित जानकारी मिलती है:
- इतिहास: माना जाता है कि इस क्षेत्र में पहले घना जंगल था, जहां एक साधु-संत ने तपस्या की थी। उनकी तपस्या के फलस्वरूप हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना हुई।
- चमत्कार: स्थानीय लोगों का मानना है कि हनुमान जी की मूर्ति के दर्शन से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कुछ भक्तों को पूजा के दौरान कांच में हनुमान जी की छवि दिखाई देने का अनुभव होता है, जिसे चमत्कारी माना जाता है।
सत्यनारायण मंदिर और हनुमान जी की पूजा
- सत्यनारायण पूजा: मंदिर में प्रत्येक पूर्णिमा को सत्यनारायण कथा और हवन का आयोजन होता है, जिसमें भक्त बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। इस दौरान हनुमान जी की मूर्ति की भी विशेष पूजा की जाती है।
- हनुमान जयंती: हनुमान जयंती (चैत्र पूर्णिमा, 12 अप्रैल 2025) पर मंदिर में विशेष उत्सव मनाया जाता है। इस अवसर पर हनुमान चालीसा, सुंदरकांड पाठ, और भजन-कीर्तन आयोजित किए जाते हैं।
- प्रसाद: पूजा के बाद भक्तों को पंचामृत, हलवा, और लड्डू जैसा प्रसाद वितरित किया जाता है।
मंदिर की संरचना
सत्यनारायण मंदिर सादगीपूर्ण लेकिन आध्यात्मिक रूप से समृद्ध है। इसमें:
- गर्भगृह: भगवान सत्यनारायण की मूर्ति मुख्य रूप से स्थापित है।
- हनुमान जी की मूर्ति: संभवतः गर्भगृह के पास या मंदिर परिसर में एक अलग स्थान पर स्थापित है।
- प्रांगण: पूजा, कथा, और सामूहिक आयोजनों के लिए छोटा प्रांगण उपलब्ध है।
मंदिर को त्योहारों पर फूलों, रंगोली, और रोशनी से सजाया जाता है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।
उपयोगकर्ताओं की राय (X.com और अन्य स्रोतों से)
X.com पर कोयल गांव के सत्यनारायण मंदिर या हनुमान जी की मूर्ति के बारे में विशिष्ट टिप्पणियां सीमित हैं, लेकिन निम्बी जोधा और आसपास के धार्मिक स्थलों के बारे में कुछ सामान्य राय इस प्रकार हैं:
- एक उपयोगकर्ता ने लिखा, “नागौर के ग्रामीण मंदिरों में एक अनूठी शांति है। हनुमान जी के दर्शन से मन को सुकून मिलता है।”
- एक अन्य टिप्पणी में कहा गया, “लाडनूं और निम्बी जोधा के मंदिर स्थानीय लोगों के लिए आस्था का केंद्र हैं। हनुमान जयंती पर यहां का माहौल भक्तिमय हो जाता है।”
- कोयल गांव के बाल हनुमान मंदिर के बारे में एक पोस्ट में उल्लेख किया गया कि “यहां की मूर्ति और चमत्कार भक्तों को दूर-दूर से आकर्षित करते हैं।”
वेब पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर, स्थानीय लोग और भक्त इस मंदिर को शांतिपूर्ण और चमत्कारी मानते हैं। विशेष रूप से हनुमान जी की मूर्ति को लेकर भक्तों में गहरी आस्था है।
आसपास के दर्शनीय स्थल
- ताल छापर अभयारण्य: काले हिरणों के लिए प्रसिद्ध, 33 किमी दूर।
- कुचामन किला: 71 किमी दूर, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व।
- निम्बी जोधा: स्थानीय मंदिर और स्कूल, 3 किमी की दूरी पर।
कैसे पहुंचें?
- सड़क मार्ग: लाडनूं से निम्बी जोधा होते हुए कोयल गांव तक बस या निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है।
- रेलवे: लाडनूं रेलवे स्टेशन (13-18 किमी)।
- हवाई मार्ग: जयपुर हवाई अड्डा (184 किमी)।
स्थानीय संस्कृति
कोयल गांव में मुख्य रूप से राठौड़ (जोधा) राजपूत समुदाय निवास करता है, साथ ही कुछ शेखावत, ब्राह्मण, और अन्य परिवार भी हैं। गांव की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है, और लोग अपनी धार्मिक परंपराओं को गहराई से निभाते हैं। सत्यनारायण मंदिर और हनुमान जी की मूर्ति गांव की धार्मिक एकता का प्रतीक हैं।
निष्कर्ष
कोयल गांव का सत्यनारायण मंदिर और इसमें स्थापित हनुमान जी की मूर्ति स्थानीय भक्तों के लिए आस्था और शक्ति का स्रोत है। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि ग्रामीण राजस्थान की सांस्कृतिक झलक भी प्रस्तुत करता है। हनुमान जी की मूर्ति के दर्शन और सत्यनारायण पूजा के संयोजन से भक्तों को आध्यात्मिक सुकून मिलता है। यदि आप इस मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं, तो हनुमान जयंती या पूर्णिमा के दिन जाएं, जब यहां विशेष आयोजन होते हैं।
सुझाव:
- मंदिर के दर्शन के लिए सुबह या शाम का समय चुनें, जब पूजा और आरती का आयोजन होता है।
- स्थानीय लोगों से बात करके मंदिर और हनुमान जी की मूर्ति से जुड़ी कथाएं और चमत्कारों के बारे में और जान सकते हैं।
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