BY: Yoganand Shrivastva
- आरोपी ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का अधिकारी बताया
- नौसेना मुख्यालय, कोच्चि में फोन कर मांगी INS विक्रांत की सटीक लोकेशन
- भारतीय नौसेना ने अलर्ट रहते हुए सूचना साझा करने से इनकार किया
- पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां कर रही हैं पूछताछ
क्या है पूरा मामला?
केरल के कोच्चि से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां एक शख्स को INS विक्रांत की लोकेशन पूछने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने खुद को PMO (प्रधानमंत्री कार्यालय) का अधिकारी बताया और भारत की स्वदेशी विमानवाहक पोत की सटीक स्थिति जाननी चाही।
PMO अधिकारी बनकर मांगी गोपनीय जानकारी
पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान मुजीब रहमान के रूप में हुई है। उसने कोच्चि स्थित भारतीय नौसेना के मुख्यालय में कॉल किया और खुद को PMO का अधिकारी बताया। फोन पर उसने:
- INS विक्रांत की वर्तमान लोकेशन बताने का आग्रह किया
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कॉल कर संवेदनशील जानकारी हासिल करने की कोशिश की
लेकिन नौसेना के सतर्क अधिकारियों ने उसकी बातों पर शक करते हुए:
- कोई भी जानकारी साझा करने से इनकार किया
- तुरंत स्थानीय पुलिस को अलर्ट कर दिया
पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया
सूचना मिलते ही केरल पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुजीब रहमान को हिरासत में ले लिया। अब उससे नए आपराधिक कानूनों के तहत पूछताछ की जा रही है। इस मामले में:
- राज्य पुलिस,
- भारतीय नौसेना, और
- इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB)
सभी संयुक्त रूप से जांच में जुटे हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर उठे सवाल
जानकारी के अनुसार, मुजीब रहमान कोझिकोड जिले के एल्थूर क्षेत्र का निवासी है। उसके परिवार का दावा है कि वह मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है और उसका इलाज चल रहा है।
हालांकि, पुलिस इस एंगल की भी सक्रियता से जांच कर रही है कि:
- क्या यह मामला सिर्फ मानसिक असंतुलन से जुड़ा है
- या इसके पीछे कोई गंभीर सुरक्षा खतरा भी है
INS विक्रांत क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत (Indigenous Aircraft Carrier) है। यह:
- भारतीय नौसेना की रणनीतिक क्षमता का प्रतीक है
- दुश्मनों को जवाब देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है
- देश की सुरक्षा नीति का एक मुख्य स्तंभ है
ऐसे में इसकी लोकेशन जैसी जानकारियां गोपनीय और संवेदनशील मानी जाती हैं।
सवाल जो लोग गूगल पर पूछ रहे हैं:
INS विक्रांत की लोकेशन कैसे पता चली?
आरोपी ने फोन पर नौसेना से सीधे पूछी, लेकिन उसे जानकारी नहीं दी गई।
क्या आरोपी वाकई PMO से जुड़ा था?
नहीं, उसने झूठा दावा किया था।
क्या सुरक्षा में चूक हुई है?
नहीं, नौसेना की सतर्कता ने बड़ी चूक को टाल दिया।