BY: Yoganand Shrivastva
हाल ही में भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के किराना हिल्स क्षेत्र को लेकर चर्चा तेज हो गई है। यह इलाका पहले से ही रहस्य और गोपनीय सैन्य गतिविधियों का केंद्र माना जाता रहा है, लेकिन अब इसकी तुलना अमेरिका के एरिया 51 से की जा रही है।
आइए जानते हैं कि किराना हिल्स आखिर कहां है, इसका रणनीतिक महत्व क्या है, और क्यों इसे ‘पाकिस्तान का एरिया 51’ कहा जाता है।
किराना हिल्स कहां है?
- स्थान: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित
- निकटतम शहर: सारगोधा, लगभग 30-40 किमी दूर
- भौगोलिक संरचना: चट्टानी पहाड़ियों और संकरी घाटियों से घिरा क्षेत्र
यह इलाका पाकिस्तान के सैन्य और परमाणु परीक्षण कार्यक्रमों का हिस्सा रहा है और लंबे समय से आम लोगों की पहुंच से दूर है।
क्यों कहते हैं इसे पाकिस्तान का ‘Area 51’?
अमेरिका का Area 51 एक अल्ट्रा-गोपनीय सैन्य और रिसर्च बेस है, जहां UFO, गुप्त तकनीकी परीक्षण और रक्षा से जुड़ी गतिविधियां होती हैं। ठीक वैसे ही किराना हिल्स भी:
- बेहद सुरक्षित और प्रतिबंधित क्षेत्र है
- यहां गोपनीय परमाणु Cold Tests (बिना विस्फोट वाले परीक्षण) किए गए
- विदेशियों की एंट्री प्रतिबंधित है
- सैटेलाइट इमेज में भूमिगत सुरंगों और सैन्य ढांचे के संकेत
Cold Test क्या होता है?
1980 के दशक में पाकिस्तान ने यहां Cold Tests किए। इसमें असली परमाणु विस्फोट नहीं होता, बल्कि ब्लास्ट के सभी तकनीकी पहलुओं को बिना रेडियोधर्मी रिसाव के परखा जाता है।
- समयकाल: 1983 से 1990
- Cold Tests की संख्या: 24 से अधिक
- स्थान: किराना हिल्स की पहाड़ियों के भीतर बनी सुरंगों में
सैन्य और रणनीतिक ढांचा
- यहां पाकिस्तानी वायुसेना की निगरानी रहती है
- गोलाबारूद भंडारण, भूमिगत सुरंगें, और अन्य रक्षा संसाधन
- अब भी यह क्षेत्र सैन्य गतिविधियों के लिए सक्रिय है
वैज्ञानिक क्या कहते हैं?
अमेरिका स्थित संगठन Bulletin of the Atomic Scientists की 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक:
- किराना हिल्स को सबक्रिटिकल न्यूक्लियर टेस्ट साइट माना गया
- यहां कम से कम 10 भूमिगत सुरंगें हैं
- क्षेत्र में गोलाबारूद भंडारण और रक्षा परीक्षण की गतिविधियों के प्रमाण मिले हैं
किराना हिल्स का पाकिस्तान के लिए महत्व
किराना हिल्स पाकिस्तान के:
- परमाणु कार्यक्रम की नींव रखने वाला स्थान है
- गोपनीय रक्षा ढांचे का अहम हिस्सा है
- सामरिक महत्व वाला सुरक्षित क्षेत्र है
यही वजह है कि इसे ‘Pakistan’s Area 51’ कहा जाता है।