ईरान और इजरायल के बीच हालिया युद्ध के बाद देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए हैं। इस मौके पर उन्हें देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग उमड़ पड़े। यह दृश्य तेहरान की एक मस्जिद में धार्मिक कार्यक्रम के दौरान देखने को मिला, जिसमें खामेनेई की मौजूदगी से माहौल भावनात्मक हो गया।
आशूरा से एक दिन पहले हुआ सार्वजनिक आगमन
अयातुल्ला खामेनेई शनिवार को आशूरा की पूर्व संध्या पर आयोजित एक शोक सभा में शामिल हुए। यह दिन शिया मुसलमानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है।
- खामेनेई काले वस्त्र पहनकर मंच पर नजर आए
- समर्थकों ने हाथ में मुट्ठी बांधकर जोरदार नारे लगाए – “हमारे नेता के लिए हमारी रगों में खून है!”
- यह सभा तेहरान की इमाम खुमैनी मस्जिद में हुई, जो इस्लामी क्रांति के संस्थापक के नाम पर है
सरकारी टेलीविजन ने इस मौके की वीडियो क्लिप प्रसारित की जिसमें खामेनेई को लोगों का अभिवादन करते और मस्जिद में भीड़ के साथ संवाद करते देखा गया।
लंबे समय बाद सार्वजनिक उपस्थिति
ईरान-इजरायल युद्ध के दौरान खामेनेई सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए थे, जिससे उनकी सेहत और सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे थे।
- आखिरी बार वे 13 जून से दो दिन पहले सार्वजनिक तौर पर दिखे थे, जब उन्होंने संसद सदस्यों से मुलाकात की थी
- 22 जून को एक पूर्व-रिकॉर्डेड वीडियो में उन्होंने एक बयान दिया, लेकिन वह सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं था
- इस बार की उपस्थिति से यह स्पष्ट संदेश गया कि वे सक्रिय हैं और समर्थकों के बीच मौजूद हैं
युद्ध के दौरान भारी नुकसान
इजरायल और ईरान के बीच युद्ध 13 जून से शुरू हुआ था और करीब 12 दिन चला।
- ईरान की न्यायपालिका के मुताबिक, इन हमलों में 900 से अधिक लोग मारे गए
- इजरायली शहरों पर ईरान के जवाबी मिसाइल हमलों में कम से कम 28 लोगों की मौत हुई
- युद्ध के बाद खामेनेई का सामने आना देश के लिए प्रतीकात्मक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है
क्यों खास है यह घटना?
इस सार्वजनिक उपस्थिति ने कई संकेत दिए हैं:
- राजनीतिक स्थिरता का संदेश: खामेनेई की उपस्थिति ने यह दिखाया कि वे अब भी नियंत्रण में हैं
- धार्मिक समर्थन मजबूत: आशूरा के अवसर पर लोगों की बड़ी संख्या में भागीदारी सरकार के लिए समर्थन का संकेत है
- युद्ध के बाद मनोबल बढ़ाना: यह घटना ईरानी नागरिकों का मनोबल बढ़ाने और एकजुटता दिखाने का प्रयास भी कही जा सकती है
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई की सार्वजनिक वापसी सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि देश की आंतरिक और वैश्विक राजनीति के लिए एक बड़ा संकेत है। इजरायल के साथ युद्ध के बाद उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति ने दुनिया को यह संदेश दे दिया है कि ईरान का नेतृत्व सक्रिय है और अपनी जनता के बीच खड़ा है।