कर्नाटक में विधानसभा ने एक ऐतिहासिक बिल पास किया है, जिसके तहत मुख्यमंत्री और विधायकों की सैलरी दोगुनी कर दी गई है। इस बिल के साथ-साथ मुस्लिम ठेकेदारों को सरकारी टेंडरों में 4% आरक्षण देने का प्रावधान भी किया गया है।
मुख्यमंत्री और विधायकों की सैलरी में भारी बढ़ोतरी
विधानमंडल वेतन, पेंशन और भत्ते (संधोधन) अधिनियम, 2025 के तहत कर्नाटक के मुख्यमंत्री की सैलरी को अब 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये प्रति माह कर दिया गया है। वहीं, मंत्रियों की सैलरी 60,000 रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये हो गई है। कर्नाटक के विधायकों को भी अब 40,000 रुपये से बढ़ाकर 80,000 रुपये सैलरी मिलेगी।

इसके अलावा, विधानसभा और विधान परिषद के सभापति का वेतन भी बढ़कर 1.25 लाख रुपये प्रति माह हो गया है। यह बढ़ोतरी केवल सैलरी तक सीमित नहीं है, बल्कि जनप्रतिनिधियों को मिलने वाले भत्तों में भी बढ़ोतरी की गई है, जैसे कि भोजन, मकान और यात्रा भत्ते।
मुस्लिम ठेकेदारों को मिलेगा 4% आरक्षण
इस बिल के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मुस्लिम ठेकेदारों को सरकारी टेंडर में 4% आरक्षण मिलेगा। यह कदम खासकर उन ठेकेदारों के लिए महत्वपूर्ण है जो सरकारी कामकाजी ठेके लेने के इच्छुक हैं। हालांकि, इस प्रस्ताव का विपक्ष ने जमकर विरोध किया, लेकिन सिद्धारमैया सरकार ने इसे विधानसभा में पास करवा लिया।
बिल पास होने के बाद हुए हंगामे की तस्वीरें
इस बिल के पास होने के बाद कर्नाटक विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी विधायकों ने सदन के अंदर विरोध जताया, और कुछ विधायकों ने तो पेपर फाड़कर स्पीकर के पास फेंक दिए। बावजूद इसके, सिद्धारमैया सरकार ने अपना रास्ता पकड़ा और बिल को मंजूरी दिलवाने में सफलता पाई।
बढ़े हुए भत्ते और अन्य सुविधाएं
सैलरी बढ़ाने के अलावा, इस बिल में मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को मिलने वाले भत्तों की राशि में भी इजाफा किया गया है। अब उन्हें भोजन, यात्रा, और मकान के लिए अतिरिक्त भत्ते मिलेंगे, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होगा।
यह फैसला राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डॉ. डीके शिवकुमार द्वारा लाया गया था, और इसे विधानसभा में बहुमत से पास किया गया।
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