बगीचा पुलिस ने चंद घंटों में सुलझाई अंधे कत्ल की गुत्थी
जशपुर (छत्तीसगढ़): जिले के बगीचा थाना क्षेत्र में एक अंधे हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने कुछ ही घंटों में कर दिया है। दिल दहला देने वाली इस वारदात में मृतका का हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उसका पति ही निकला, जिसने मामूली विवाद में पत्नी की हत्या कर दी। आरोपी ने शराब के नशे में पत्थर से सिर पर वार कर पत्नी को मौत के घाट उतार दिया।
मामले की शुरुआत:
ग्राम सुलेशा के कोटवार सर्वनाथ राम ने बगीचा थाना में सूचना दी थी कि रोपाक्यारी नाला के पास एक महिला का शव सड़ी-गली अवस्था में पड़ा है, जो लगभग चार-पांच दिन पुराना प्रतीत हो रहा था। सूचना मिलते ही बगीचा पुलिस तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया।
ग्रामीणों की मदद से शव की शिनाख्त गांव की महिला बसंती बाई के रूप में हुई। शव का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम कराया गया, जिसमें डॉक्टर ने मौत का कारण सिर पर किसी भारी वस्तु से हमला बताया। इस आधार पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
हत्या का खुलासा:
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मृतका को आखिरी बार उसके पति ढुलू राम के साथ देखा गया था। संदेह के आधार पर जब आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तो उसने पहले गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की मनोवैज्ञानिक पूछताछ के आगे वह टूट गया और हत्या की बात कबूल कर ली।
आरोपी ढुलू राम ने बताया कि तीन साल पहले उसने बसंती बाई को पत्नी के रूप में रखा था। बीते गुरुवार को वह दोनों गांव में अपने भतीजे की शादी के चुमावन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उसी शाम उसे जानकारी मिली कि बसंती चावल, साड़ी और तेल चुराकर ले जा रही है। इस बात पर नाराज होकर वह बसंती को खोजते हुए जंगल की ओर गया, जहां दोनों के बीच विवाद हुआ। आवेश और नशे की हालत में उसने पास पड़े बॉक्साइट के पत्थर से बसंती के सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी। रात वह वहीं सो गया और सुबह उठकर शव को पास के गड्ढे में पत्तों से ढंक दिया और भाग गया।
गिरफ्तारी और सबूत:
पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त पत्थर को भी बरामद कर लिया है। आरोपी ढुलू राम (45 वर्ष), निवासी महुआपानी, सुलेशा थाना बगीचा को अपराध स्वीकारने और पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
बगीचा पुलिस की तत्परता और कुशल विवेचना से यह अंधा मामला चंद घंटों में सुलझ गया, जिससे ग्रामीणों और मृतका के परिजनों में न्याय की उम्मीद जगी है।