ट्रंप का खुलासा: हमले से पहले अमेरिकी सैनिक हटाए गए
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि ईरान द्वारा कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे ‘अल उदैद एयरबेस’ पर मिसाइल हमला करने से ठीक पहले वहां से लगभग सभी अमेरिकी सैनिकों को हटा लिया गया था। इस कारण किसी भी सैनिक को कोई नुकसान नहीं हुआ।
नाटो शिखर सम्मेलन के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने यह जानकारी दी। उन्होंने दावा किया कि ईरान पर अमेरिका का जवाबी हमला पूरी तरह से सफल रहा।
हिरोशिमा-नागासाकी से की तुलना
ट्रंप ने कहा,
“मैं हिरोशिमा और नागासाकी का उदाहरण नहीं देना चाहता, लेकिन सच यही है कि जैसे उन परमाणु हमलों के बाद युद्ध समाप्त हुआ था, वैसे ही अब भी युद्ध खत्म हो गया है।”
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया, जिससे वे पूरी तरह नष्ट हो गए। ट्रंप के मुताबिक, यह एक निर्णायक और सटीक कार्रवाई थी, जिसने संघर्ष की आग को ठंडा कर दिया।
अमेरिका-ईरान के बीच बातचीत के संकेत
ट्रंप ने यह भी कहा कि अब अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कम हुआ है और दोनों देश थक चुके हैं। इसी के साथ उन्होंने संकेत दिए कि अगले सप्ताह अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत हो सकती है।
ट्रंप के अनुसार, अमेरिका चाहता है कि ईरान के पास कोई भी परमाणु हथियार न हो और फिलहाल उनके पास ऐसी कोई क्षमता नहीं बची है।
ट्रंप का रूस-यूक्रेन जंग पर भी दावा
इजरायल-ईरान संघर्ष के शांत होने के बाद ट्रंप ने रूस-यूक्रेन जंग को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा,
“जैसे मैंने ईरान-इजरायल का युद्ध रुकवाया, वैसे ही अब रूस और यूक्रेन की जंग रुकवाने के लिए मैं पुतिन से बात करूंगा।”
हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि यह बातचीत कब और कहां होगी।
विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?
- अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार मानते हैं कि फिलहाल ईरान-इजरायल में तनाव तो कम हुआ है, लेकिन स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं है।
- कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका द्वारा ईरान पर की गई कार्रवाई का दीर्घकालिक असर देखने को मिलेगा।
- वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर ट्रंप के दावे पर भी दुनिया की नजरें टिकी हैं।
ईरान-इजरायल जंग का अब तक का घटनाक्रम
- अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया।
- जवाब में ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी एयरबेस पर मिसाइलें दागीं।
- अमेरिकी सैनिकों को पहले ही एयरबेस से हटा लिया गया था, इसलिए कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
- अमेरिका ने स्टील्थ बॉम्बर्स से जवाबी हमला किया।
- ट्रंप ने इसे ‘निर्णायक और सटीक हमला’ बताया।
- दोनों देशों ने फिलहाल युद्ध समाप्ति के संकेत दिए।
ट्रंप के बयान से जुड़े अहम सवाल
- क्या ईरान सच में अपनी परमाणु क्षमता खो चुका है?
- अमेरिका-ईरान के बीच बातचीत से क्या वाकई स्थायी शांति आएगी?
- रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप का प्रभाव कितना होगा?
- क्या ट्रंप के दावों से अमेरिकी चुनावी राजनीति प्रभावित होगी?
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान-इजरायल जंग को लेकर जो बड़े दावे किए हैं, उन्होंने वैश्विक राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। हिरोशिमा-नागासाकी से तुलना करना बेहद गंभीर संकेत है। हालांकि, क्या यह दावा जमीनी हकीकत में बदलता है या सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी रह जाता है, यह देखने वाली बात होगी।