इंदौर के महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में हुई घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर दिया है। अस्पताल के पीआईसीयू (PICU) वार्ड में भर्ती दो नवजात बच्चियों की मौत हो गई। बताया गया कि दोनों को चूहों ने काटा था। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें चूहे वार्ड में घूमते दिखाई दे रहे हैं।
प्रशासन का बयान: “मौत बीमारी से हुई”
एमवायएच के उपाधीक्षक डॉ. जितेंद्र वर्मा के मुताबिक:
- बच्ची का वजन केवल 1.60 किलो था।
- वह जन्मजात विकृतियों और आंतों की समस्या से जूझ रही थी।
- 7 दिन पहले उसका ऑपरेशन हुआ था।
- मौत का कारण ‘सेप्टिसीमिया’ (रक्त विषाक्तता) बताया गया।
बच्ची को चूहों ने हाथ की दो उंगलियों पर काटा था, जिसे अस्पताल प्रशासन ने “हल्की खरोंच” कहा। परिजनों की इच्छा पर शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया।
मंगलवार को भी एक बच्ची की मौत
- मंगलवार को भी PICU वार्ड में भर्ती एक नवजात बच्ची की मौत हुई थी।
- अस्पताल का दावा है कि उसकी मौत ‘निमोनिया संक्रमण’ से हुई।
- दोनों बच्चियां गंभीर स्थिति में थीं और PICU में भर्ती थीं।
PICU वार्ड को सबसे सुरक्षित और नियंत्रित क्षेत्र माना जाता है, जहां केवल चिकित्सक और आवश्यक स्टाफ का प्रवेश होता है। इस क्षेत्र में चूहों का घुसना और नवजातों को कुतरना अस्पताल की लापरवाही का गंभीर उदाहरण है।
कार्रवाई: स्टाफ सस्पेंड, ठेकेदार पर जुर्माना
घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने कड़ी कार्रवाई की:
- दो नर्सिंग अधिकारियों को तत्काल सस्पेंड किया।
- नर्सिंग सुप्रीटेंडेंट को पद से हटाया।
- अस्पताल की सफाई और सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली प्राइवेट फर्म पर ₹1 लाख का जुर्माना।
- फर्म को कड़ी चेतावनी भी जारी की गई।
घटना ने उठाए सवाल
यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है:
- क्या सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा है?
- बच्चों की जान बचाने के लिए बनाए गए PICU में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई?
- जिम्मेदारी केवल नर्सिंग स्टाफ की है या प्रबंधन की भी?
इंदौर अस्पताल की यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही की बड़ी निशानी है। जिस वार्ड में सबसे ज्यादा सुरक्षा होनी चाहिए, वहां इस तरह की घटना ने व्यवस्था की पोल खोल दी है। इस मामले में त्वरित जांच और ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।