BY: Yoganand Shrivastva
इंदौर, इंदौर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो कारों को किराए पर लेकर उन्हें गैरकानूनी तरीके से गिरवी रखकर या बेचकर ठगी करता था। मुख्य आरोपी हनीफ खान को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उसके अन्य साथियों की तलाश जारी है।
ऐसे रची जाती थी ठगी की साजिश
आरोपी ज़ूम ऐप और निजी ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से वाहन किराए पर लेता था। किराए की अवधि समाप्त होने पर गाड़ी वापस करने के बजाय वह या तो उसे गिरवी रख देता था या किसी अन्य को बेच देता था। यह सब कुछ इतनी चालाकी से किया जाता था कि वाहन मालिकों को शुरू में कोई शक नहीं होता।
GPS ने खोली ठगी की पोल
कारों में लगे GPS ट्रैकर ने इस जालसाजी का पर्दाफाश किया। जब कार समय पर नहीं लौटी, तो मालिकों ने ट्रैकिंग शुरू की। पता चला कि गाड़ियां किसी और जगह उपयोग हो रही हैं। कुछ मामलों में आरोपी ने GPS डिवाइस को क्षतिग्रस्त कर दिया ताकि कार की ट्रैकिंग न हो सके।
शिकायत पर खुला मामला
परदेशीपुरा थाना प्रभारी आर.डी. कानवा के अनुसार, पवन सक्सेना, निवासी नंदा नगर ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि हनीफ खान, निवासी सदर बाजार, ने ज़ूम ऐप से संपर्क कर उनसे बलेनो कार (MP13ZJ5838) किराए पर ली थी। समय पर कार न लौटाने पर जांच की गई, तो सामने आया कि वह गाड़ी को किसी के पास गिरवी रख चुका है।
अन्य आरोपी भी चिन्हित
पुलिस ने जांच में दो और नामों की पहचान की है:
- शैलेन्द्र सिंह, निवासी नरसिंहगढ़
- मोहम्मद मोइयुद्दीन, निवासी इंदौर
इन दोनों के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जा सकती है। मामले में अमानत में खयानत की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
गिरोह से जब्त की गईं कई गाड़ियां
अब तक पुलिस ने कई वाहन बरामद किए हैं, जो अलग-अलग ट्रैवल एजेंसियों और ज़ूम ऐप से किराए पर लिए गए थे। संदेह है कि यह गिरोह लंबे समय से शहर और आसपास के इलाकों में सक्रिय था।
जल्द होगा बड़े स्तर पर खुलासा
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह एक संगठित गिरोह हो सकता है, जो पूरे राज्य में इस तरह की धोखाधड़ी में लिप्त है। इस मामले में कई ट्रैवल एजेंसियों और ऐप प्लेटफॉर्म्स से डेटा जुटाया जा रहा है।