केंद्र सरकार ने पासपोर्ट आवेदन नियमों में संशोधन किया है, जिसके तहत जन्म तिथि सत्यापन के लिए दस्तावेजों को एकसमान और सरल बनाने का प्रयास किया गया है। नए नियम के अनुसार, 1 अक्टूबर, 2023 के बाद जन्मे लोगों को पासपोर्ट के लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। यह नियम पिछले सप्ताह पासपोर्ट नियमों में संशोधन के रूप में घोषित किया गया और इसे आधिकारिक गजट में प्रकाशित होने के बाद लागू किया जाएगा।
नए पासपोर्ट नियम: जन्म प्रमाण पत्र से जुड़ी शर्तें
विदेश मंत्रालय ने 24 फरवरी को जारी एक अधिसूचना में बताया कि 1 अक्टूबर, 2023 या उसके बाद जन्मे व्यक्तियों के लिए जन्म प्रमाण पत्र ही जन्म तिथि का वैध प्रमाण होगा। यह प्रमाण पत्र नगर निगम, जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रार, या जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत अधिकृत किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा जारी किया जाना चाहिए।
हालांकि, 1 अक्टूबर, 2023 से पहले जन्मे लोगों पर यह नियम लागू नहीं होगा। ऐसे व्यक्ति जन्म प्रमाण पत्र के अलावा स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र, मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र, आयकर विभाग द्वारा जारी पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, या सेवा रिकॉर्ड की प्रति जैसे वैकल्पिक दस्तावेज जमा कर सकते हैं।
पासपोर्ट नियम: आवासीय जानकारी में बदलाव
नए नियमों के तहत पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ पर आवेदक का आवासीय पता अब प्रकाशित नहीं किया जाएगा, ताकि गोपनीयता बढ़ाई जा सके। इसके बजाय, आव्रजन अधिकारी बारकोड स्कैन करके यह जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
नए पासपोर्ट नियम: रंग संकेत प्रणाली
सरकार ने पासपोर्ट को रंगों के आधार पर वर्गीकृत किया है। नए नियमों के अनुसार, सरकारी अधिकारियों को सफेद, राजनयिकों को लाल, और आम नागरिकों को नीले रंग के पासपोर्ट जारी किए जाएंगे।
पासपोर्ट नियम 2025: माता-पिता के नाम हटाए गए
नए नियमों के तहत पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ पर माता-पिता के नाम शामिल नहीं किए जाएंगे। यह बदलाव तलाकशुदा या अलग हुए परिवारों के बच्चों के हित में किया गया है।
नियमों में बदलाव के कारण
अधिकारियों के अनुसार, जन्म तिथि से संबंधित पासपोर्ट नियमों में लंबे समय से कोई बदलाव नहीं हुआ था। ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोगों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण यह समस्या थी। लेकिन अब जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 को सख्ती से लागू करने के साथ, जन्म प्रमाण पत्र को कुछ आवेदकों के लिए जन्म तिथि का एकमात्र प्रमाण बनाया गया है।
1 अक्टूबर, 2023 से पहले जन्मे लोगों के लिए मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी। वे मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र, या सेवा रिकॉर्ड जैसे दस्तावेजों का उपयोग कर सकते हैं।
पासपोर्ट सेवा केंद्रों का विस्तार
सरकार पोस्ट ऑफिस के माध्यम से संचालित पासपोर्ट सेवा केंद्रों (POPSK) की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही है। अगले पांच वर्षों में वर्तमान 442 केंद्रों से बढ़ाकर 600 केंद्र स्थापित किए जाएंगे। विदेश मंत्रालय और डाक विभाग ने इसके लिए अपनी साझेदारी को अगले पांच साल तक बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
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