गरियाबंद। रिपोर्ट: लोकेश्वर सिन्हा
उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व, जो छत्तीसगढ़ की जैव विविधता का अहम केंद्र है, वहां राजस्थान और गुजरात से आई 4000 से अधिक भेड़-बकरियों की अवैध चराई का मामला सामने आया है। इस पर टाइगर रिजर्व की एंटी-पोचिंग टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 8 चरवाहों को गिरफ्तार किया है, जबकि 7 चरवाहे फरार बताए जा रहे हैं। अवैध चराई और वन्य संपदा को नुकसान पहुंचाने के आरोप में वन विभाग द्वारा चार लाख रुपये का जुर्माना लगाए जाने की तैयारी की जा रही है।
अवैध चराई से शाकाहारी वन्यजीवों के लिए संकट
जानकारी के अनुसार, यह घटना गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट वन परिक्षेत्र के ओड और अमामोर क्षेत्र की है। वन विभाग की छानबीन में पाया गया कि ये चरवाहे हजारों भेड़-बकरियों के साथ बिना अनुमति जंगल में घुस आए थे, जिससे इलाके के शाकाहारी वन्यजीवों के लिए चारे का संकट उत्पन्न हो गया। इससे पारिस्थितिक तंत्र पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।
जब्ती और कानूनी कार्रवाई
वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए न केवल भेड़-बकरियों को जंगल से बाहर निकाला, बल्कि चरवाहों के पास से मोटरसाइकिल, घोड़े और अन्य सामान भी जब्त किए हैं। वन अधिकारियों ने बताया कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत इन पर वन्य संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज कर जुर्माना वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
फरार आरोपियों की तलाश जारी
फिलहाल 7 चरवाहे और उनके मालिक फरार हैं, जिनकी तलाश में वन विभाग की टीमें जुटी हुई हैं। इन पर भी जल्द कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। विभाग का कहना है कि टाइगर रिजर्व की सुरक्षा और जैव विविधता की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- राजस्थान और गुजरात से आए 4000+ भेड़-बकरियों की अवैध चराई
- 8 चरवाहे गिरफ्तार, 7 अभी भी फरार
- वन विभाग ने मोटरसाइकिल, घोड़ा व अन्य सामान किया जब्त
- 4 लाख रुपये का जुर्माना प्रस्तावित
- शाकाहारी वन्यजीवों के चारे पर संकट
- फरार आरोपियों की तलाश में लगी टीम