BY: Yoganand Shrivastava
अगर आप ट्रेन में सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। हो सकता है आपकी एक छोटी-सी गलती आपको हजार रुपये का जुर्माना या सीधे एक साल की जेल तक पहुँचा दे। जी हाँ, भारतीय रेलवे के प्रयागराज मंडल में बीते तीन महीनों में 1567 यात्रियों को गिरफ्तार किया गया है — और वजह है ट्रेन की इमरजेंसी चेन पुलिंग का दुरुपयोग।
रेलवे ने साफ कहा है कि अब इस कानून के उल्लंघन को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि आप बिना किसी वाजिब कारण के इमरजेंसी चेन खींचते हैं, तो आप पर Railways Act, 1989 की धारा 141 के तहत कठोर कार्रवाई की जा सकती है।
रेलवे की बड़ी कार्रवाई: अप्रैल से जून के बीच 3628 केस
उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल ने खुलासा किया है कि 1 अप्रैल से 23 जून 2025 तक 3628 अवैध चेन पुलिंग के मामले सामने आए हैं, जिनमें से 1567 यात्रियों को गिरफ्तार किया गया है।
- अप्रैल: 1188 केस, 413 गिरफ्तार
- मई: 1265 केस, 665 गिरफ्तार
- 23 जून तक जून: 1175 केस, 459 गिरफ्तार
यह आँकड़े यह दर्शाते हैं कि अक्सर यात्री बिना इमरजेंसी के भी अलार्म चेन खींचते हैं, जिससे न केवल ट्रेन लेट होती है, बल्कि पूरी रेल व्यवस्था प्रभावित होती है।
कौन से स्टेशन रहे सबसे ज्यादा ‘चेन पुलर’ के गवाह?
रेलवे की इस सख्त कार्रवाई में कानपुर सेंट्रल सबसे आगे रहा, जहाँ 230 यात्रियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा:
- टूंडला जंक्शन – 140 गिरफ्तार
- फतेहपुर स्टेशन – 133
- इटावा – 130
- अलीगढ़ – 128
- मिर्जापुर – 128
- प्रयागराज – 110
- नैनी – 73
- छिवकी – 67
- फफूंद – 44
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि अवैध चेन पुलिंग की घटनाएं तेजी से फैल रही हैं, जिनपर अंकुश लगाने के लिए रेलवे ने कमर कस ली है।
क्या कहता है रेलवे एक्ट?
रेल में आपातकालीन अलार्म चेन का दुरुपयोग करने पर भारतीय रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 141 के तहत अपराध दर्ज होता है। इसके अंतर्गत:
- ₹1000 तक जुर्माना
- 1 साल तक की जेल
- या दोनों सजा साथ में दी जा सकती है।
यह कानून यात्रियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है, लेकिन जब कोई यात्री मस्ती या बिना किसी जरूरत के चेन खींचता है, तो यह आपराधिक कृत्य बन जाता है।
रेलवे की अपील
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से स्पष्ट अपील की है कि केवल आपातकाल की स्थिति में ही अलार्म चेन का प्रयोग करें। चेन पुलिंग से ट्रेन की टाइमिंग बिगड़ती है, दूसरे यात्रियों को परेशानी होती है और कभी-कभी गंभीर स्थिति भी बन सकती है। रेलवे अब इस कानून को सख्ती से लागू कर रहा है और यात्रियों को सतर्क रहने की जरूरत है।