भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर को समाप्त हो जाएगा। 8 नवंबर को चंद्रचूड़ का लास्ट वर्किंग डे रहा, जिसमें चीफ जस्टिस ने विदाई लेते हुए कहा कि, ‘मैंने कभी किसी को ठेस पहुंचाई हो तो आप मुझे माफ कर दें, क्योंकि मेरा ऐसा करने का कोई उद्देश्य नहीं था’। बता दें चंद्रचूड़ के पास इतिहास में सबसे ज़्यादा फैसले लिखने का रिकॉर्ड है, उन्होंने अपने दो साल के कार्यका में करीब 612 मामलों के फैसले दिए हैं। अब यह बड़ा सवाल है कि चंद्रचूड़ के बाद अगला सीजेआई कौन बनने जा रहे हैं?
जानिए कौन है अगले सीजेआई
दरअसल, सीजेआई चंद्रचूड़ के कार्यकाल की समाप्ति से पहले ही राष्ट्रपति ने जस्टिस संजीव खन्ना को सीजेआई नियुक्त कर दिया है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने ही सरकार को संजीव खन्ना के नाम का प्रस्ताव दिया था। जस्टिस खन्ना 51वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया होंगे, हालांकि उनका कार्यकाल केवल 6 महीनों का होगा। जो 13 मई 2025 को समाप्त हो जाएगा। चीफ जस्टिस बनने से पहले खन्ना सुप्रीम कोर्ट के 65 फैसले लिख चुके हैं। इस दौरान वो 275 अहम बेंचों का हिस्सा रह चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में कार्यभार संभालने से पहले खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट में 14 साल अपनी सेवाएं दे चुके हैं। साल 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था।
कैसे होती है सीजेआई की नियुक्ति
सीजेआई की नियुक्ति के लिए यह जानना ज़रूरी है कि, सुप्रीम कोर्ट में जज की नियुक्ति कैसे होती है, दरअसल सुप्रीम कोर्ट का एक कोलोजियम होता है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के ही जज होते है, जो नाम केंद्र सरकार को प्रस्तावित करते है। इन नामों पर मुहर लगाकर केंद्र सरकार उनकी जज के पद पर नियुक्ति करती है। नियुक्ति के लिए जज का शपथ ग्रहण होता है, और यह शपथ ग्रहण ही तय करता है कि, कौन सा जज किस जज से सीनियर होगा। अगर किन्हीं दो जजों के शपथ ग्रहण में सिर्फ कुछ ही मिनटों का फर्क है तो भी पहले शपथ ग्रहण करने वाला जज सीनियर हो जाएगा, और सीजेआई के लिए पहले नामित किया जाएगा। इस हिसाब से सुप्रीम कोर्ट में शपथ ग्रहण के साथ ही जज का सीजेआई बनने का समय भी तय हो जाता है।