इस वर्ष हिंदू नववर्ष का आरंभ एक दुर्लभ खगोलीय संयोग के साथ हो रहा है, जो ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है। 30 मार्च 2025 को विक्रम संवत 2082 का शुभारंभ होगा, जिसे सिद्धार्थी संवत कहा जाएगा। इस संवत के राजा और मंत्री दोनों सूर्य होंगे, जो अपने आप में एक विशेष घटना है।
इस दिन एक दुर्लभ ग्रह योग बन रहा है, जहां सूर्य, चंद्रमा, शनि, बुध और राहु पांचों ग्रह मीन राशि में एक साथ स्थित होंगे। यह संयोजन अत्यंत दुर्लभ माना जाता है और इसका प्रभाव विभिन्न राशियों पर पड़ेगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस विशेष ग्रह योग का सबसे अधिक लाभ निम्नलिखित तीन राशियों को होगा:
- मिथुन राशि (Gemini):
मिथुन राशि के जातकों के लिए यह नववर्ष विशेष रूप से शुभ रहेगा। शनि देव की कृपा से करियर में उन्नति के अवसर मिलेंगे। नौकरी बदलने की सोच रहे लोगों को बेहतर प्रस्ताव प्राप्त हो सकते हैं, और प्रमोशन के भी योग बन रहे हैं। व्यवसाय में नए साझेदारियों से लाभ होगा, और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी।
- धनु राशि (Sagittarius):
धनु राशि वालों के लिए यह संवत भाग्यशाली सिद्ध होगा। करियर में नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं, जो भविष्य में लाभदायक सिद्ध होंगी। नए संपर्क और नेटवर्किंग से व्यवसाय में वृद्धि होगी। कानूनी मामलों में सफलता के संकेत हैं, और वैवाहिक जीवन में मधुरता बढ़ेगी।
- कुंभ राशि (Aquarius):
कुंभ राशि के जातकों के लिए यह वर्ष आर्थिक समृद्धि लेकर आएगा। शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण होने के कारण पुराने अटके काम पूरे होंगे। नौकरीपेशा लोगों को नए अवसर मिलेंगे, और व्यवसाय में विस्तार के योग हैं। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी, जिससे समाज में मान-सम्मान मिलेगा।
यह दुर्लभ ग्रह संयोग समग्र रूप से सभी राशियों के लिए विशेष अवसर और चुनौतियां लेकर आएगा। ज्योतिषाचार्यों की सलाह है कि इस समय का सदुपयोग करते हुए सकारात्मक कार्यों में संलग्न रहें, जिससे शुभ फल प्राप्त हो सकें।