हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक में कुदरत का कहर देखने को मिला है। बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और लैंडस्लाइड ने कई इलाकों में तबाही मचाई है। सबसे ज्यादा नुकसान हिमाचल के कुल्लू जिले में हुआ, जहां कई घर, सड़कें और पुल बह गए।
कुल्लू में बादल फटने से भारी तबाही
बुधवार को कुल्लू जिले के सेंज घाटी, रेहला, बिहाल और गटसा इलाकों में बादल फटने की कई घटनाएं हुईं। ब्यास और सतलुज नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
बाढ़ में तीन लोग लापता, कई घर तबाह
- सेंज घाटी के जीवा नाला में बादल फटने के बाद बेहाली गांव में आधा दर्जन से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
- बाढ़ के मलबे में तीन लोग लापता हैं।
- कई वाहन पानी में बह गए, जिनमें एक कार तो किलोमीटरों दूर जाकर पलट गई।
स्थानीय लोगों का दर्द
स्थानीय निवासी बताते हैं कि तेज बहाव के कारण पशुधन, खेत, फसलें और पेड़-पौधे सबकुछ बह गया। लोगों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
प्रशासन अलर्ट पर
- विधायक सुरेंद्र सौरी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
- लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की गई है।
- SDRF और आपदा प्रबंधन की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।
धर्मशाला में मजदूर बहने की दुखद घटना
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में खनियारा इलाके में भीषण बारिश के बाद मरुनी नदी में 15 से 20 मजदूर बह गए। अब तक दो मजदूरों के शव बरामद हुए हैं, बाकी की तलाश जारी है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बारिश के अलर्ट के बावजूद मजदूरों को वहां काम पर लगाया गया था, जिससे यह हादसा हुआ।
मंडी में ब्यास नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर
- कुल्लू के सेंज घाटी में बादल फटने के बाद ब्यास नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
- मंडी के पंडोर डैम के तीन गेट खोलने पड़े।
- फिलहाल डैम से 28,725 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि 33,000 क्यूसेक पानी डैम में आ रहा है।
- पंचवक्र महादेव मंदिर की सीढ़ियों तक पानी पहुंच चुका है।
- प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की है।
मनाली में भी बादल फटा, पर्यटक बाल-बाल बचे
मनाली के अंजनी महादेव नाले में भी बुधवार को बादल फटने की घटना हुई। राहत की बात यह रही कि समय रहते पर्यटक नाले के आसपास से हट गए, जिससे कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। लेकिन बाढ़ की तेज आवाज 3 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में भी जल प्रलय
किश्तवाड़ के बंजवाहा इलाके में अचानक बाढ़ आने से भारी तबाही हुई। कई मवेशी बह गए, जिससे ग्रामीणों की आजीविका पर संकट मंडराने लगा है। हालांकि, जान का नुकसान नहीं हुआ।
कारगिल में पहाड़ दरकने से बाढ़
कारगिल में पहाड़ खिसकने की वजह से अचानक फ्लैश फ्लड आ गया। भारी पानी के बहाव से इलाकों में दहशत फैल गई। पहाड़ दरकने के बाद सड़कें बंद हो गईं और कई हिस्सों में आवागमन बाधित हो गया।
कर्नाटक में लैंडस्लाइड से हाईवे बंद
कर्नाटक के हासन जिले में भारी बारिश के बाद शिरडी घाट पर लैंडस्लाइड हुआ। इसके चलते:
- सड़क पर भारी मलबा आ गया।
- हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
- राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
गनीमत रही कि हादसे के वक्त सड़क पर कोई वाहन नहीं था, वरना बड़ा नुकसान हो सकता था।
प्रशासन और लोगों के लिए जरूरी सावधानियां
प्रशासन ने सभी प्रभावित राज्यों में लोगों को सतर्क रहने और इन बातों का पालन करने की सलाह दी है:
✅ नदी-नालों और जलप्रवाह वाले इलाकों से दूर रहें।
✅ मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें।
✅ अनावश्यक यात्रा से बचें।
✅ प्रशासन और राहत दल का सहयोग करें।
✅ सोशल मीडिया या अफवाहों पर न जाएं, केवल आधिकारिक सूचना पर भरोसा करें।
निष्कर्ष
बादल फटना, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएं फिर से बता रही हैं कि हमें प्रकृति से छेड़छाड़ की कीमत चुकानी पड़ रही है। जरूरत है कि हम सतर्क रहें, प्रशासन का सहयोग करें और ऐसे हालात में धैर्य व समझदारी से काम लें।