BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर: ग्वालियर में शुक्रवार को शहर के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक से पहले सियासी हलचल देखने को मिली। कांग्रेस विधायक डॉ. सतीश सिकरवार को कलेक्ट्रेट के वीआईपी गेट पर तहसीलदार ने रोक दिया, जिससे विधायक नाराज होकर बैठक छोड़कर लौटने ही वाले थे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की नजर विधायक पर पड़ी। उन्होंने खुद डॉ. सिकरवार को मनाकर बैठक में शामिल किया।
बैठक ग्वालियर कलेक्ट्रेट सभागार में हुई, जिसमें शहर के विकास कार्यों की समीक्षा की गई। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर विकास मंत्री सिंधिया ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ 11 प्रमुख परियोजनाओं पर चर्चा की। इनमें एलिवेटेड रोड, रेलवे स्टेशन नवीनीकरण, आगरा एक्सप्रेसवे, वेस्टर्न बाइपास और चंबल नदी से पानी की आपूर्ति जैसी योजनाएं शामिल थीं। उन्होंने अधिकारियों को सभी कार्य समय सीमा के भीतर पूरा करने के सख्त निर्देश दिए।
बैठक में प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर और कुछ कांग्रेस पार्षद भी मौजूद थे। इस दौरान ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह बैठक में नहीं पहुंचे। वह शिवपुरी के पोहरी स्थित चूना खो में कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल हुए। लंबे समय से सिंधिया और तोमर गुटों के बीच स्पष्ट कोल्ड वॉर की स्थिति देखी जा रही है। बैठक में शामिल अधिकारियों में कलेक्टर, एसएसपी और निगमायुक्त भी मौजूद थे।
सिकरवार के नाराज होने की वजह:
कांग्रेस विधायक जब कलेक्ट्रेट पहुंचे तो तहसीलदार कुलदीप दुबे ने उन्हें मुख्य वीआईपी गेट के बजाय दूसरे गेट से अंदर जाने को कहा। इस व्यवहार से नाराज विधायक गाड़ी में बैठकर लौटने लगे। इसी दौरान केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने उन्हें समझाकर बैठक में बुलाया।