BY: Yoganand Shrivastva
भिंड, चंबल अंचल: चंबल क्षेत्र में जारी बारिश ने प्रशासन की लापरवाहियों की पोल खोल दी है। भिंड जिले की दबोह मंडी में जलभराव की स्थिति ने व्यापारियों को भारी नुकसान की ओर धकेल दिया है। लाखों का अनाज बारिश के पानी में भीगकर खराब होने की कगार पर पहुंच गया है, और प्रशासन जिम्मेदारी लेने की बजाय पल्ला झाड़ता नजर आ रहा है।

बारिश ने किया मंडी की अव्यवस्था को उजागर
पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के बावजूद मंडी प्रशासन की तरफ से कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई। दबोह मंडी में जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने से वहां पानी भर गया और कई व्यापारियों के गोदामों में रखा अनाज प्रभावित हो गया।
व्यापारियों का फूटा गुस्सा
स्वदेश न्यूज़ के संवाददाता से बातचीत में स्थानीय व्यापारियों ने बताया:
“जब हम मंडी को नियमित रूप से टैक्स देते हैं, तो बारिश से बचाव की जिम्मेदारी भी मंडी की बनती है।”
व्यापारियों का कहना है कि गोदाम मंडी परिसर में ही स्थित हैं, और वहाँ अनाज के नष्ट होने की पूर्ण जिम्मेदारी मंडी प्रशासन की है।
मंडी सचिव का बयान विवादित
जब संवाददाता ने मंडी सचिव से इस संबंध में जवाब मांगा तो उन्होंने साफ कह दिया:
“जहाँ नुकसान हुआ है वह इलाका मंडी की सीमा में नहीं आता, इसलिए मंडी की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती।”
यह बयान व्यापारियों में आक्रोश की वजह बन गया है क्योंकि संबंधित गोदाम वर्षों से मंडी के टैक्स दायरे में आते हैं और मंडी परिसर के ही हिस्से हैं।
नुकसान का दृश्य और प्रशासन की चुप्पी
वहाँ की तस्वीरें और वीडियो साफ दिखा रहे हैं कि कैसे पानी गोदामों में घुस चुका है, और खुले में रखा अनाज पूरी तरह भीग चुका है। लेकिन मंडी प्रशासन की तरफ से कोई राहत या मुआवजा नीति अब तक सामने नहीं आई है।
अब सवाल ये उठता है – जिम्मेदार कौन?
- क्या मंडी प्रशासन को पहले से बारिश का पूर्वानुमान नहीं था?
- अगर व्यापारियों से टैक्स वसूला जा रहा है, तो बदले में सुरक्षा और बुनियादी सुविधा क्यों नहीं दी जा रही?
- और जब अनाज मंडी परिसर में ही खराब हुआ है तो फिर प्रशासन पल्ला कैसे झाड़ सकता है?