हजारीबाग। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) की ओर से हजारीबाग में एक दिवसीय बिजली सुरक्षा एवं जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। मानसून के मौसम में बिजली से संबंधित दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह आयोजन किया गया, जिसमें लोगों को सुरक्षा उपायों और जरूरी सावधानियों के बारे में जागरूक किया गया।
बिजली की लापरवाही बन सकती है जानलेवा
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उप महाप्रबंधक अशोक कुमार उपाध्याय ने कहा कि बिजली हमारे जीवन की जरूरी आवश्यकता बन चुकी है, लेकिन इसके उपयोग में की गई छोटी सी लापरवाही गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकती है। उन्होंने लोगों को चेताया कि बिना प्रशिक्षण के कभी भी बिजली से जुड़े कार्य न करें, बल्कि हमेशा प्रमाणित तकनीकी कर्मियों की सहायता लें।
उपाध्याय ने मानसून के दौरान कुछ विशेष सावधानियों पर जोर दिया:
- गीले हाथों से स्विच या उपकरण न छुएं
- खुले तारों व पोलों से दूरी बनाएं
- जर्जर कनेक्शन की तुरंत मरम्मत कराएं
- दाहिने हाथ से उपकरणों का संचालन करें
उन्होंने कहा कि यदि किसी को करंट लगे, तो सबसे पहले बिजली की आपूर्ति बंद करें और प्राथमिक उपचार के बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बिजली चोरी से जान का खतरा बढ़ा
कार्यशाला में कार्यपालक अभियंता सुब्रत बनर्जी ने बताया कि हजारीबाग में कई जगह लोग चोरी की बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कानूनन अपराध होने के साथ ही जान के लिए भी खतरनाक है। उन्होंने बताया कि चोरी की बिजली में अक्सर घटिया क्वालिटी के तारों का उपयोग होता है, जिससे शॉर्ट सर्किट और आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
बनर्जी ने बताया कि हाल ही में घटिया कनेक्शन की वजह से दो मासूम बच्चियों की मौत हो चुकी है। उन्होंने जनता से अपील की कि कोई भी संदिग्ध बिजली कनेक्शन दिखे तो तुरंत विभाग को सूचित करें।
वीडियो और व्यावहारिक उदाहरणों से दी गई जानकारी
कार्यशाला में विभाग के इंजीनियरों, कर्मियों और आम नागरिकों को वीडियो प्रजेंटेशन के माध्यम से बिजली से जुड़ी दुर्घटनाओं और उनके बचाव के उपायों की जानकारी दी गई। इस दौरान व्यावहारिक उदाहरणों के जरिए यह समझाया गया कि किस तरह छोटी-छोटी सावधानियाँ जान बचा सकती हैं।