ग्वालियर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां शादी का झांसा देकर 90 दिन तक एक युवती से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया। विशेष न्यायालय ने मामले की गंभीरता और परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।
मामला कैसे शुरू हुआ?
ग्वालियर निवासी 24 वर्षीय युवती ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी सतीश बघेल ने पहले दोस्ती की और फिर प्यार का इजहार करते हुए उससे शादी का वादा किया।
- आरोपी ने युवती को शादी का भरोसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
- 90 दिनों तक वह युवती के साथ पति की तरह लिव-इन रिलेशन में रहा।
- युवती की मर्जी के खिलाफ उसके साथ लगातार दुष्कर्म किया।
- इस दौरान आरोपी उसे धमकाता और मारपीट भी करता रहा।
जब युवती गर्भवती हुई
कुछ समय पहले युवती गर्भवती हो गई। जब उसने सतीश पर शादी का दबाव डाला तो उसने साफ मना कर दिया। आरोपी ने कहा:
“मैंने जो करना था, कर लिया। अब मैं शादी नहीं करूंगा, तुम मेरी जिंदगी से दूर हो जाओ।”
इससे आहत युवती ने पुलिस थाने जाकर आरोपी पर रेप, मारपीट और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया।
कोर्ट की अनुमति से हुआ गर्भपात
पीड़िता ने कोर्ट में आवेदन देकर गर्भपात की अनुमति मांगी थी। हाईकोर्ट की स्वीकृति के बाद उसका गर्भपात कराया गया।
- 14 जुलाई को पुलिस ने आरोपी सतीश बघेल को गिरफ्तार किया।
- पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया।
जमानत पर सुनवाई
आरोपी ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन पीड़ित पक्ष के वकील ने इसका विरोध किया।
- दलील दी गई कि आरोपी को जमानत मिलने पर वह केस को प्रभावित कर सकता है।
- पीड़िता को धमकाने और दबाव बनाने की आशंका जताई गई।
कोर्ट ने इन तर्कों को गंभीर मानते हुए आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।
यह मामला एक बड़ा सबक है कि शादी का झांसा देकर किसी महिला के साथ दुष्कर्म करने वालों को अदालत से राहत नहीं मिलेगी। ग्वालियर कोर्ट का यह फैसला महिलाओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर लोगों का विश्वास मजबूत करता है।