BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर में आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस मामले में श्योपुर पुलिस ने एक सॉल्वर और उसके एजेंट को पकड़ा था, जिन्होंने असली उम्मीदवार की जगह परीक्षा दी थी। अब कंपू थाना पुलिस इन दोनों को प्रोटेक्शन वारंट पर ग्वालियर लेकर आई है और उनसे पूरे रैकेट की जानकारी जुटा रही है।
कैसे खुला मामला
वर्ष 2023 में पुलिस आरक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के दौरान श्योपुर के एक उम्मीदवार की जगह किसी और ने परीक्षा दी थी। जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और परीक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। दोनों आरोपी कोर्ट में सरेंडर कर चुके थे और श्योपुर पुलिस की गिरफ्त में थे।
चूंकि मामला ग्वालियर के कंपू थाने में दर्ज था, इसलिए स्थानीय पुलिस ने उन्हें श्योपुर से प्रोटेक्शन वारंट पर मंगवाया।
आरोपियों की पहचान
- सत्येंद्र रावत, पुत्र श्रीपत रावत, निवासी टेंटरा, मुरैना — इसने दीपक रावत के नाम से फर्जी परीक्षार्थी बनकर परीक्षा दी।
- सुरेंद्र कुशवाह, पुत्र मनसुख कुशवाह, निवासी सबलगढ़ — कियोस्क सेंटर संचालक, जिसने आधार में बायोमेट्रिक अपडेट कराने से लेकर पूरी डील कराने तक की भूमिका निभाई।
पूछताछ में नए खुलासे की उम्मीद
कंपू थाना प्रभारी अमर सिंह सिकरवार के अनुसार, आरोपियों से यह पता लगाया जा रहा है कि इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल था और किसकी क्या भूमिका थी। पुलिस का मानना है कि पूछताछ के दौरान अन्य नाम भी सामने आ सकते हैं, जिनके खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी।