ग्वालियर शहर में ट्रैफिक चेकिंग के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। एक युवक ने अपनी कार की नंबर प्लेट पर ‘विधायक’ (MLA) लिखवा रखा था। जब ट्रैफिक पुलिस ने उसे रोका और पूछताछ की, तो सच्चाई कुछ और ही निकली। युवक का न तो किसी विधायक से कोई संबंध था और न ही उसके पास ऐसी प्लेट लगाने की कोई वैध अनुमति।
यह मामला ग्वालियर के कंपू ट्रैफिक थाने के अंतर्गत आया है, जहां पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कार को जब्त कर लिया और संबंधित युवक के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) के तहत चालान काटा।
क्या था पूरा मामला?
- घटना स्थल: कंपू थाना क्षेत्र, ग्वालियर
- गाड़ी: KIA मोटर वाहन
- नंबर प्लेट पर लिखा था: ‘विधायक’
- युवक की पहचान: समीर खान
- युवक का दावा: उसका नाना विधायक हैं
- हकीकत: कोई संबंध नहीं, सब झूठ निकला
जब ट्रैफिक पुलिस की नजर इस गाड़ी पर पड़ी, तो उन्होंने इसे तुरंत रोककर पूछताछ शुरू की। युवक ने शुरू में दावा किया कि उसके नाना विधायक हैं, लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद सच्चाई सामने आ गई कि उसने यह सब केवल रौब जमाने के लिए किया था।
क्यों लिखा ‘विधायक’? युवक ने बताई वजह
समीर खान ने पूछताछ में बताया कि उसने केवल लोगों पर प्रभाव डालने और रौब दिखाने के मकसद से ‘विधायक’ शब्द का इस्तेमाल किया था। न तो उसके पास कोई प्रमाण था, और न ही ऐसा करने का कोई अधिकार।
ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई
- कार जब्त कर ली गई
- समीर खान का चालान किया गया
- कड़ी चेतावनी दी गई
- कानूनी धाराएं: मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 और 182A के तहत कार्रवाई
ट्रैफिक निरीक्षक धनंजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह एक गंभीर कानून उल्लंघन है और इससे कानून व्यवस्था की छवि को ठेस पहुंचती है।
पुलिस की सख्त चेतावनी
ग्वालियर ट्रैफिक पुलिस ने आम नागरिकों को चेताया है:
- फर्जी पदनाम या सरकारी पहचान पत्र का उपयोग कानूनन अपराध है।
- इस तरह की हरकतें न केवल दंडनीय हैं, बल्कि इससे समाज में भ्रम की स्थिति भी पैदा होती है।
- भविष्य में ऐसे मामलों पर और सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
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क्यों ज़रूरी है जागरूक रहना?
भारत में VIP कल्चर की नकल करना आम हो गया है। लेकिन यह केवल सामाजिक असमानता को बढ़ावा देता है और कानून की गंभीर अनदेखी करता है। ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि सख्त कानूनी कार्रवाई ही इसका समाधान है।