ग्वालियर। ग्वालियर व्यापार मेले में स्क्रैप सर्टिफिकेट के तहत दी जाने वाली छूट को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। परिवहन विभाग ने डीलर्स को नोटिस जारी करके अधिक छूट की वापसी की मांग की है। डीलर्स को तीन दिन का समय दिया गया है, अन्यथा उनका ट्रेड लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
क्या है मामला?
- स्क्रैप सर्टिफिकेट के तहत छूट: ग्वालियर व्यापार मेले में नए वाहन खरीदने पर 50% आरटीओ टैक्स में छूट दी गई थी। इसके अलावा, स्क्रैप सर्टिफिकेट (सीओडी) जमा करने पर शेष टैक्स पर 25% की अतिरिक्त छूट का प्रावधान था।
- गलती कहाँ हुई? डीलर्स ने शेष टैक्स पर 25% की बजाय, कुल टैक्स पर 75% की छूट दे दी। यानी पहले 50% और फिर 25% की छूट मिलाकर कुल 75% छूट दी गई, जो नियमों के खिलाफ है।
- वाहनों की संख्या: ऐसे सौ से अधिक वाहनों को यह अतिरिक्त छूट दी गई है।
परिवहन विभाग की कार्रवाई
- नोटिस जारी: परिवहन विभाग ने डीलर्स को नोटिस जारी करके अतिरिक्त छूट की राशि वापस लेने का आदेश दिया है।
- चेतावनी: तीन दिन के भीतर राशि वापस नहीं करने पर डीलर्स का ट्रेड लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
- वाहनों की पहचान: अधिकारियों ने उन वाहनों के नंबर चिह्नित किए हैं, जिन्हें अतिरिक्त छूट दी गई है।
अधिकारियों का बयान
ग्वालियर के आरटीओ विक्रमजीत सिंह कंग ने बताया, “स्क्रैप सर्टिफिकेट के तहत मेला छूट के बाद शेष टैक्स पर 25% की छूट दी जानी थी, लेकिन डीलर्स ने कुल टैक्स पर 75% छूट दे दी। इस अतिरिक्त छूट को वापस लेने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।”

स्क्रैप पॉलिसी का उद्देश्य
सरकार की स्क्रैप पॉलिसी का मकसद पुराने वाहनों को हटाकर नए वाहनों को बढ़ावा देना है। इसके तहत पुराने वाहन को स्क्रैप करने पर सर्टिफिकेट (सीओडी) मिलता है, जिसके आधार पर नए वाहन खरीदने पर टैक्स में छूट मिलती है।
डीलर्स पर दबाव
- समय सीमा: डीलर्स को केवल तीन दिन का समय दिया गया है।
- लाइसेंस खतरे में: यदि डीलर्स अतिरिक्त छूट की राशि वापस नहीं करते हैं, तो उनका ट्रेड लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
आगे क्या?
यह मामला उज्जैन में आयोजित होने वाले व्यापार मेले के लिए भी सबक हो सकता है। वहाँ भी स्क्रैप सर्टिफिकेट के तहत छूट दी जा रही है। अधिकारियों ने सख्त निगरानी बढ़ा दी है ताकि ऐसी गलतियाँ दोबारा न हों।
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