प्रयागराज: महाकुंभ 2025 ने न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति दी, बल्कि स्थानीय व्यवसायियों और श्रमिकों के लिए भी अवसरों का नया द्वार खोला। लाखों लोगों ने इस धार्मिक आयोजन के दौरान विभिन्न व्यवसायों से अच्छा लाभ कमाया, लेकिन सबसे खास रही अरैल के नाविक पिंटू महरा की कहानी, जिसने सिर्फ 45 दिनों में 30 करोड़ रुपए की कमाई कर ली।
सीएम योगी ने विधानसभा में की पिंटू महरा की तारीफ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बजट सत्र में पिंटू महरा की इस सफलता की कहानी का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रयागराज के इस नाविक के पास 130 नावें थीं, जिनका उपयोग उसने श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचाने के लिए किया। उसकी मेहनत और सूझबूझ ने पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति बदल दी और उसे करोड़पतियों की कतार में शामिल कर दिया।
2019 के कुंभ से मिली प्रेरणा
पिंटू महरा का कहना है कि उसने 2019 के कुंभ में भी नाव चलाई थी, जिससे उसे इस बार की भीड़ का अंदाजा हो गया था। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए उसने पहले से तैयारी कर ली और 70 नई नावें खरीदीं। पहले से ही उसके परिवार के पास 60 नावें थीं, जिन्हें मिलाकर 130 नावों को महाकुंभ में उतारा गया।
परिवार की कई पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित
पिंटू महरा ने बताया कि महाकुंभ उनके लिए किसी संकट मोचन से कम नहीं था। इस एक फैसले ने पूरे परिवार का जीवन स्तर सुधार दिया। अब उनका परिवार आर्थिक रूप से सशक्त हो गया है और आने वाली कई पीढ़ियों तक कोई आर्थिक संकट नहीं रहेगा।
महाकुंभ: आस्था के साथ आर्थिक समृद्धि का अवसर
महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि स्थानीय व्यवसायों के लिए भी एक बड़ा अवसर साबित हुआ। नाविकों के अलावा मास्क, दातुन और पूजा सामग्री बेचने वालों ने भी इस आयोजन से अच्छी कमाई की।