श्रावण मास में बढ़ती भीड़ को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग ने उज्जैन के महाकाल मंदिर के आसपास होटलों और भोजनालयों की विशेष जांच शुरू की है। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराना है।
कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई
उज्जैन कलेक्टर रोशन सिंह के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने महाकाल मंदिर के आसपास के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। रविवार को हुई इस कार्रवाई का नेतृत्व खाद्य सुरक्षा अधिकारी बसंत दत्त शर्मा ने किया।
किन-किन होटलों की हुई जांच?
टीम ने कुल 5 भोजनालयों और रेस्टोरेंट्स की जांच की:
- दशभुजा भोजनालय
- जैन भोजनालय
- माँ चामुंडा भोजनालय
- महाकाल रेस्टोरेंट एंड नमकीन भंडार
- श्री बड़ा गणेश भोजनालय
दही और पनीर के नमूने लिए गए
- महाकाल रेस्टोरेंट से दही का नमूना लिया गया
- श्री बड़ा गणेश भोजनालय से पनीर का नमूना लिया गया
ये दोनों नमूने जांच के लिए राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला, भोपाल भेजे गए हैं।
क्या-क्या कमियां पाई गईं?
निरीक्षण के दौरान दोनों प्रतिष्ठानों में कई स्वच्छता संबंधी खामियां सामने आईं:
- खाद्य सामग्री खुली हालत में पाई गई
- सफाई का स्तर अत्यंत खराब था
- कर्मचारियों ने केप और एप्रन नहीं पहन रखे थे
- मेडिकल जांच नहीं करवाई गई थी
- पेस्ट कंट्रोल की कोई व्यवस्था नहीं थी
नोटिस जारी
इन गंभीर खामियों के चलते दोनों रेस्टोरेंट्स को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। आगे जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की संभावना है।
क्यों ज़रूरी है ऐसी जांच?
श्रावण मास में महाकाल मंदिर में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में अगर भोजन में मिलावट या अस्वच्छता पाई जाती है तो स्वास्थ्य संकट खड़ा हो सकता है। इसीलिए प्रशासन इन दिनों खाद्य सुरक्षा पर सख्ती से नजर रख रहा है।
महाकाल मंदिर क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन की यह पहल सराहनीय है। स्वच्छ और सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने के लिए आगे भी इसी तरह की जांचों की आवश्यकता है।