BY: Yoganand Shrivastava
ग्वालियर: हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया है। मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक बयान दिया। मामले में जांच शुरू कर दी गई है। इस विवाद के बाद मिश्रा अपने समर्थकों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ एसपी कार्यालय पहुंचे और गिरफ्तारी देने की पेशकश की। वहां काफी देर तक नारेबाजी और हंगामा होता रहा, हालांकि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया।
एफआईआर के अनुसार, मिश्रा ने एक वीडियो में डॉ. अंबेडकर के खिलाफ अनुचित भाषा का प्रयोग किया था, जिसके बाद दलित संगठनों और जूनियर वकीलों ने पुलिस से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। शिकायत की जांच के बाद क्राइम ब्रांच ने नोटिस जारी किया और सोमवार देर रात विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
मिश्रा बोले – “मैंने कोई अपराध नहीं किया”
एसपी ऑफिस पहुंचने पर अनिल मिश्रा ने कहा, “मैंने जो कहा, वह तथ्य है। संविधान ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी है और उस पर अंकुश लगाया जा रहा है। मैंने कोई अपराध नहीं किया। अगर चुनौती दी गई है, तो मैं उसका सामना करूंगा।”
दलित संगठनों ने जताया विरोध
इस टिप्पणी से नाराज होकर सम्यक समाज संघ के संयोजक लाखन सिंह बौद्ध बड़ी संख्या में लोगों के साथ एसपी ऑफिस पहुंचे। उन्होंने एफआईआर दर्ज न होने पर भोपाल मार्च और धरने की चेतावनी दी।
प्रशासन ने बताया – जांच जारी
एडिशनल एसपी ग्रामीण जयराज कुबेर ने बताया कि क्राइम ब्रांच सोशल मीडिया पर नजर रख रही है। अनिल मिश्रा को पहले नोटिस भेजा गया था, लेकिन जवाब न मिलने पर मामला दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि प्रकरण अभी विवेचना के अधीन है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पृष्ठभूमि: मूर्ति स्थापना विवाद से जुड़ा मामला
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब मई 2025 में ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव रखा गया था। इसके बाद सीनियर और जूनियर अधिवक्ताओं में टकराव बढ़ गया। विवाद बढ़ने पर प्रशासन ने फिलहाल प्रतिमा स्थापना पर रोक लगाई और मूर्ति को शहर से बाहर एक वर्कशॉप में रखवा दिया। इसके बाद से मामला लगातार सामाजिक और कानूनी तनाव का कारण बना हुआ है।