दिल्ली से छत्तीसगढ़ जा रही संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में बम की सूचना ने रेलवे प्रशासन और यात्रियों की सांसें थमा दीं। ट्रेन 400 किलोमीटर तक बिना रोक-टोक दौड़ती रही और अंत में झांसी स्टेशन पर कोच खाली कराकर सघन सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
बम की सूचना से झांसी में हाई अलर्ट
शुक्रवार देर रात झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (12824) को बम की सूचना के बाद रोका गया। ट्रेन जैसे ही प्लेटफॉर्म पर पहुंची, सुरक्षा बलों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी कोच खाली कराए और डॉग स्क्वायड तथा बम निरोधक दस्ते के साथ सघन तलाशी अभियान चलाया।
- बम की सूचना झूठी निकली, लेकिन यात्रियों और प्रशासन के बीच घंटों तनाव का माहौल बना रहा।
- सर्च ऑपरेशन करीब 1 घंटे तक चला।
- 1700 से अधिक यात्रियों की जान 400 किलोमीटर तक खतरे में रही।
कैसे मिली सूचना?
- ट्रेन शाम 5:55 बजे हजरत निजामुद्दीन से रवाना हुई।
- 10 मिनट बाद रेलवे हेल्पलाइन ‘रेल मदद’ पर एक व्यक्ति ने सूचना दी कि ट्रेन के स्लीपर कोच में बम है।
- सूचना देने वाले ने खुद को “रेल उपयोगकर्ता” बताया, लेकिन उसकी पहचान अब तक नहीं हो पाई है।
- सूचना मिलते ही रेल प्रशासन सतर्क हो गया, पर ट्रेन को मथुरा, आगरा, फरीदाबाद, ग्वालियर या धौलपुर जैसे स्टेशनों पर नहीं रोका गया।
क्यों चुना गया झांसी स्टेशन?
रेल प्रशासन ने अगला स्टॉप झांसी स्टेशन ही चुना जहां सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। उत्तर प्रदेश जीआरपी और रेलवे अधिकारियों ने झांसी में ऑपरेशन की पूरी तैयारी पहले से कर ली थी।
- लखनऊ जीआरपी को सूचना मिलने पर जवानों को अलर्ट कर दिया गया।
- प्लेटफॉर्म नंबर 2 को पूरी तरह खाली कराया गया।
- रात 11:31 बजे ट्रेन 9 मिनट की देरी से झांसी पहुंची।
सघन तलाशी अभियान
- स्टेशन पहुंचते ही सिटी मजिस्ट्रेट प्रमोद झा, एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार, आरपीएफ कमांडेंट विवेकानंद नारायण और अन्य अधिकारियों ने कमान संभाली।
- यात्रियों और उनके सभी सामान को प्लेटफॉर्म पर उतार लिया गया।
- डॉग स्क्वायड और बम निरोधक दस्ते ने ट्रेन के हर डिब्बे और सामान की गहन जांच की।
- कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, जिसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली।
संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में कितने यात्री और कोच?
- 22 कोच वाली इस ट्रेन में:
- 6 स्लीपर कोच (प्रत्येक में 80 सीट)
- 5 थर्ड AC कोच (प्रत्येक में 72 सीट)
- 1 थर्ड AC इकोनॉमी कोच (80 सीट)
- 3 सेकेंड और फर्स्ट AC कोच (46 सीट प्रति कोच)
- 5 जनरल/दिव्यांग कोच (प्रत्येक में लगभग 120 यात्री)
- ट्रेन में पैंट्रीकार की सुविधा भी उपलब्ध।
कुल मिलाकर, इस घटना के दौरान 1700 से अधिक यात्रियों की जान खतरे में रही।
अफवाह फैलाने वाले की तलाश शुरू
रेलवे और सुरक्षा बल अब उस अनजान कॉलर की तलाश में हैं जिसने बम की झूठी सूचना दी। इससे ट्रेन संचालन बाधित हुआ और प्रशासन पर अतिरिक्त दबाव पड़ा।
- सुरक्षा बल कॉलर की पहचान और मंशा का पता लगाने में जुटे हैं।
- भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी की जा रही है।
क्या यह लापरवाही थी?
इस पूरे घटनाक्रम में बड़ा सवाल ये है कि जब बम की सूचना पहले ही मिल चुकी थी, तो ट्रेन को मथुरा, आगरा जैसे स्टेशनों पर क्यों नहीं रोका गया?
- दिल्ली से झांसी तक के 400 किलोमीटर के सफर में जोखिम लगातार बना रहा।
- यह भी जांच का विषय है कि रेल प्रशासन ने झांसी तक इंतजार क्यों किया?
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सूचना झूठी लेकिन खतरा असली था
हालांकि संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में बम की सूचना अफवाह साबित हुई, लेकिन इस एक कॉल से हजारों यात्रियों की जान खतरे में आ गई। रेलवे की सतर्कता सराहनीय रही, लेकिन सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भी सवाल खड़े हुए हैं। अब देखना होगा कि अफवाह फैलाने वाले तक सुरक्षा एजेंसियां कब तक पहुंचती हैं और क्या उससे भविष्य में ऐसे हादसों की रोकथाम हो पाएगी।