BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर: में शनिवार को रक्षाबंधन के अवसर पर सेंट्रल जेल का दृश्य बेहद भावुक कर देने वाला था। सुबह से ही विभिन्न जिलों और आसपास के शहरों से बहनें अपने बंदी भाइयों से मिलने के लिए पहुंचने लगीं। खुले मैदान में बनाए गए विशेष टेंट में मुलाकात का इंतज़ाम किया गया था, जहां बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक कर राखी बांधी और मिठाई खिलाकर त्योहार की खुशियां साझा कीं।
इस बार जेल प्रशासन को मुख्यालय से अनुमति मिली थी कि बहनें जेल परिसर में आकर अपने भाइयों से मिल सकें। हालांकि, सुरक्षा के मद्देनज़र किसी भी बाहरी मिठाई, खान-पान की सामग्री, मोबाइल या नशीले पदार्थ अंदर ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध था। बहनों को राखी और तिलक सामग्री जेल परिसर के अंदर से ही उपलब्ध कराई गई।
जेल अधीक्षक विनीत सरवईया ने बताया कि लगभग दोपहर 2:30 बजे तक आठ हज़ार से अधिक महिलाएं पहुंच चुकी थीं और शाम तक यह संख्या 15 हज़ार तक पहुंचने की उम्मीद थी। बहनों और भाइयों के बीच मुलाकात के दौरान कई बार भावनाएं उमड़ पड़ीं और आंखों में आंसू आ गए।
रक्षाबंधन के लिए जेल रसोई में विशेष भोजन की व्यवस्था की गई थी। कैदियों के लिए पूड़ी, सब्जी, खीर और लड्डू बनाए गए। लड्डू वही थे जिन्हें बहनें जेल परिसर से खरीदकर भाइयों को खिलाती रहीं।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जेल में प्रवेश से पहले महिलाओं की तीन चरणों में जांच की गई और केवल महिला आगंतुकों को अंदर जाने की अनुमति दी गई।
त्योहार में शामिल बहनों ने कहा कि इंतज़ाम अच्छा था, लेकिन भीड़ के कारण कभी-कभी धक्का-मुक्की भी हो रही थी। फिर भी, अपने भाइयों से मिलकर और राखी बांधकर उन्हें बेहद सुकून और खुशी महसूस हुई।