Mohit Jain
इस साल की धनतेरस ने खरीदारी का नया रिकॉर्ड बना दिया। ऑल इंडिया ट्रेडर्स कॉन्फेडरेशन (CAIT) के अनुसार, भारतीयों ने धनतेरस पर करीब 1 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी की। अकेले सोना-चांदी की बिक्री ही 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल की तुलना में 25% ज्यादा है।
सोना-चांदी की बिक्री में जबरदस्त उछाल

CAIT के ज्वेलर्स फेडरेशन अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि ज्वेलरी बाजारों में दो दिन तक ऐसी भीड़ रही जैसी पहले कभी नहीं देखी गई। केवल दिल्ली में ही 10 हजार करोड़ की बिक्री दर्ज की गई। हालांकि सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर होने से बिक्री मात्रा में 10% की कमी आई, लेकिन कुल वैल्यू में भारी बढ़ोतरी हुई।
वहीं, इस साल सोना 53,000 रुपये और चांदी 83,000 रुपये तक महंगी हो चुकी है।
बर्तन और घरेलू सामान की ₹15,000 करोड़ की बिक्री
पारंपरिक रूप से शुभ मानी जाने वाली खरीदारी में भी इस बार भारी उत्साह दिखा। बर्तन और किचन अप्लायंस सेगमेंट में 15,000 करोड़ रुपये, जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स में 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री हुई। इसके अलावा 12,000 करोड़ रुपये के ड्राई फ्रूट्स, मिठाइयाँ, कपड़े और वाहन बिके।
ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी जबरदस्त रौनक

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) के मुताबिक, धनतेरस पर देशभर में करीब 1 लाख कारें बिकीं।
- मारुति सुजुकी ने अकेले 50,000 कारों की डिलीवरी की जो पिछले साल से 20% ज्यादा है।
- हुंडई मोटर इंडिया ने 14,000 कारें बेचीं।
- वहीं टाटा, महिंद्रा, टोयोटा और किआ जैसी कंपनियों की भी जबरदस्त बिक्री रही।
लोकल प्रोडक्ट्स को मिला बढ़ावा
CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान का असर इस धनतेरस पर साफ दिखा। लोग भारतीय प्रोडक्ट्स को तरजीह दे रहे हैं, जिससे छोटे व्यापारी और कारीगरों को बड़ा फायदा हुआ है।





