रिपोर्ट: अनूप विश्वास
विधायक शकुंतला पोर्ते रहीं मुख्य अतिथि
छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग के निर्देश पर जिला प्रशासन सूरजपुर द्वारा जनपद पंचायत प्रतापपुर के मंगल भवन में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर “संविधान हत्या दिवस” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रतापपुर विधायक शकुंतला पोर्ते मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।
लोकतंत्र रक्षकों और स्वतंत्रता सेनानियों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में मीसा एक्ट के तहत आपातकाल के दौरान जेल गए लोकतंत्र सेनानियों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
सम्मानित व्यक्तियों में प्रमुख रूप से —
चरण सिंह, कुंती देवी, रामदास सिंह, राम शरण कुशवाहा, गोपाल शरण सिंह, दशरथ सिंह, अनुज सिंह, रामदयाल राजवाड़े, रामचंद्र गुप्ता, मानसाय पोर्ते, धनुषधारी, कृष्ण मुरारी शुक्ला और गल्थुराम के नाम शामिल हैं।
इन सभी लोकतंत्र रक्षकों ने आपातकाल के काले दौर की पीड़ा और अपने संघर्षों की कहानियां उपस्थित जनसमूह के साथ साझा कीं, जिसने सभा को भावुक कर दिया।
आपातकाल पर फोटो प्रदर्शनी और परिचर्चा
कार्यक्रम के दौरान आपातकाल की घटनाओं पर आधारित एक फोटो प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसे विधायक शकुंतला पोर्ते ने अवलोकित किया।
विधायक ने इस अवसर पर कहा:
“आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक काला अध्याय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह दिवस हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों की अहमियत का स्मरण कराता है।”
उन्होंने युवाओं से संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदैव जागरूक रहने का आह्वान किया।
लोकतंत्र की हत्या पर हुई गंभीर चर्चा
इस अवसर पर आपातकाल की नीतियों और तत्कालीन सरकार के दमनकारी रवैये पर केंद्रित एक परिचर्चा भी आयोजित की गई। वक्ताओं ने उस समय लागू की गई लोकतंत्र विरोधी नीतियों की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि:
“यह इतिहास का वह समय था जब भारत की आवाज को कुचलने का प्रयास किया गया। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लोकतंत्र की रक्षा में कितने लोगों ने अपने जीवन के अमूल्य क्षणों की आहुति दी है।”





