BY: Yoganand Shrivastva
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग अब एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार यह मांग चांदनी चौक से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने उठाई है। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर प्रस्ताव रखा है कि स्टेशन का नाम बदलकर ‘अटल बिहारी वाजपेयी रेलवे स्टेशन’ कर दिया जाए।
पहले भी उठ चुकी हैं नाम बदलने की मांगें
इससे पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के पुराने रेलवे स्टेशन, यानी दिल्ली जंक्शन का नाम बदलकर ‘महाराजा अग्रसेन रेलवे स्टेशन’ रखने का सुझाव दिया था। अब खंडेलवाल ने दोनों प्रमुख स्टेशनों—नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली—के नामों में बदलाव का प्रस्ताव रखते हुए कहा है कि यह देश के इतिहास और भावनाओं के सम्मान का प्रतीक होगा।
‘राष्ट्रीय सम्मान और प्रेरणा का प्रतीक होगा नामकरण’
सांसद खंडेलवाल का कहना है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन देश का सबसे व्यस्त, प्रमुख और ऐतिहासिक स्टेशन है। यह न सिर्फ राजधानी में प्रवेश का मुख्य द्वार है, बल्कि पूरे भारत के लिए एक प्रतीकात्मक स्थान है। उन्होंने लिखा कि अटल बिहारी वाजपेयी जैसे भारत रत्न को यह सम्मान मिलना चाहिए, जो राष्ट्र के लिए प्रेरणा रहे हैं।
उनके अनुसार, अटल जी का जीवन लोकतंत्र, राष्ट्रभक्ति और समावेशी विकास के मूल्यों को समर्पित रहा है। वे न केवल एक कुशल राजनेता थे, बल्कि एक कवि, विचारक और प्रेरक व्यक्तित्व भी थे। उनके कार्यकाल में देश ने बुनियादी ढांचे, परमाणु परीक्षण, वैश्विक संबंधों और अर्थव्यवस्था में कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं।
संसद में उठेगा यह मुद्दा
खंडेलवाल ने बताया कि वे इस विषय पर जल्द ही रेल मंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात करेंगे और आने वाले संसद सत्र में भी यह मुद्दा प्रस्तुत करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने इसे दिल्ली और पूरे देश की जनभावनाओं से जुड़ा विषय बताया है।
अन्य शहरों में हो चुके हैं नाम परिवर्तन
प्रवीण खंडेलवाल ने उदाहरण के तौर पर बताया कि कैसे मुंबई का ‘विक्टोरिया टर्मिनस’ अब ‘छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस’ और बेंगलुरु का ‘बेंगलुरु स्टेशन’ अब ‘क्रांतिवीर संगोली रायन्ना रेलवे स्टेशन’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे ऐतिहासिक और रणनीतिक शहर में भी इस तरह का कदम जरूरी है, ताकि देश की नई पीढ़ी को महान नेताओं की विरासत से परिचित कराया जा सके।