तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा आज 6 जुलाई को 90 साल के हो गए। इस अवसर पर दुनियाभर के अनुयायी और गणमान्य व्यक्ति उनके जन्मदिन को भव्य तरीके से मना रहे हैं। तिब्बत की निर्वासित सरकार ने एक सप्ताह तक विशेष कार्यक्रमों की योजना बनाई है, जिनमें हजारों लोग भाग ले रहे हैं।
उत्तराधिकारी की अफवाहों पर विराम
बीते कुछ दिनों से यह चर्चा जोरों पर थी कि दलाई लामा अपने उत्तराधिकारी की घोषणा कर सकते हैं। लेकिन सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन (CTA) के अध्यक्ष पेनपा त्सेरिंग ने इन अटकलों को सिरे से नकार दिया है।
दलाई लामा ने स्वयं कहा,
“मुझे लगता है कि मैं अभी 30 से 40 साल और जीवित रहूंगा और लोगों की सेवा करता रहूंगा।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्हें “अवलोकितेश्वर” का आशीर्वाद मिल रहा है और भविष्यवाणियों के अनुसार वे 130 साल तक जीवित रह सकते हैं।
दीर्घायु की प्रार्थना में उमड़ा जनसैलाब
धर्मशाला स्थित मुख्य मंदिर में आयोजित दीर्घायु प्रार्थना समारोह में 15,000 से अधिक अनुयायी शामिल हुए। इसमें CTA के प्रवक्ता तेनजिन लेक्षय के अनुसार:
- तिब्बती बौद्ध धर्म के विभिन्न संप्रदायों के प्रतिनिधि
- वरिष्ठ लामाओं की उपस्थिति
- दुनियाभर से श्रद्धालुओं का सैलाब
“हम अपना देश खो चुके हैं, लेकिन…”
अपने संबोधन में दलाई लामा ने कहा:
“हम तिब्बत से बाहर हो गए हैं, लेकिन इस जीवन में मैं बहुतों के लिए उपयोगी बन पाया हूं।”
उन्होंने यह भी याद किया कि जब वे माओत्से तुंग से मिले थे तो माओ ने कहा था कि “धर्म जहर है” — लेकिन दलाई लामा ने उस वक्त कोई उत्तर नहीं दिया।
बौद्ध धर्म के बारे में उन्होंने बताया कि यह मानव स्वभाव की विविधता को स्वीकार करता है और हर व्यक्ति सुख पाने की कोशिश करता है।
जन्मदिन समारोह में शामिल हुए बड़े चेहरे
रविवार को आयोजित मुख्य कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि पहुंचे, जिनमें शामिल हैं:
- केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और राजीव रंजन सिंह
- अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू
- सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग
- हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेर
इन सभी ने दलाई लामा को दीर्घायु और स्वास्थ्य की शुभकामनाएं दीं।
90 साल के दलाई लामा आज भी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से वैश्विक मंच पर सक्रिय हैं। उत्तराधिकारी को लेकर अफवाहें हों या तिब्बती समुदाय की निर्वासन की पीड़ा—दलाई लामा ने अपने शांतिपूर्ण और दार्शनिक दृष्टिकोण से दुनिया को प्रेरित किया है।
उनकी दीर्घायु और मार्गदर्शन की कामना करते हुए तिब्बती समुदाय और दुनिया भर के लोग इस दिन को विशेष श्रद्धा और सम्मान के साथ मना रहे हैं।