रिपोर्टर: संजू जैन
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मई माह में आयोजित सुशासन तिहार के तहत प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बेमेतरा जिले के साजा ब्लॉक अंतर्गत सहसपुर गांव में पहुंचकर आम जनता की समस्याएं सुनी थीं और कई कार्यों की घोषणा भी की थी। लेकिन अब इन घोषणाओं की वास्तविकता जानने और फॉलोअप लेने के लिए जिला प्रशासन द्वारा समाधान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पहुंचकर अपनी शिकायतें दोबारा दर्ज कराईं।
घोषणाओं की स्थिति जानने जुटा प्रशासन
समाधान शिविर का उद्देश्य था यह जानना कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं पर कितना अमल हुआ है और क्या आम जनता तक उनका लाभ पहुंच पाया है या नहीं। इसके तहत प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे और सीधे जनता से फीडबैक लिया गया।
समस्याएं बरकरार, समाधान अधूरा
हालांकि शिविर का उद्देश्य समाधान था, लेकिन यहां लोगों की भीड़ और उनकी नई शिकायतों और मांगों ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि सुशासन तिहार के दौरान जो वादे और घोषणाएं हुई थीं, उनका क्रियान्वयन कितना प्रभावी रहा।
एक ग्रामीण महिला ने बताया,
“मुख्यमंत्री जी के सामने अपनी समस्या रखी थी, उन्होंने आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
शिविर में आईं प्रमुख शिकायतें
- राशन कार्ड में नाम न जुड़ना
- वृद्धावस्था पेंशन में देरी
- आवास योजना की पात्रता सूची से बाहर होना
- सड़क व जल सुविधा जैसे बुनियादी मुद्दे
- राजस्व संबंधित प्रकरणों का लंबित रहना
प्रशासन पर उठे सवाल
जनता के शिकायतों के ढेर को देखते हुए स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
लोगों का कहना है कि यदि एक महीने तक चलने वाले सुशासन तिहार में ही समस्याओं का समाधान हो जाता, तो दोबारा शिविर लगाने की नौबत नहीं आती।
क्या कहता है प्रशासन?
प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि
“मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं पर काम जारी है, और समाधान शिविर के माध्यम से जो कमियां सामने आई हैं, उन्हें प्राथमिकता से सुलझाया जाएगा।”