BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर: कांग्रेस के दतिया विधायक राजेंद्र भारती को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने ग्वालियर की एमपी-एमएलए कोर्ट में लंबित धोखाधड़ी मामले की सुनवाई दिल्ली की अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई और फैसला दिल्ली में होगा।
विधायक राजेंद्र भारती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि मध्यप्रदेश के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और उनके परिवार के सदस्य इस केस पर राजनीतिक दबाव बना रहे हैं। भारती ने यह भी दावा किया कि जिला अभियोजन अधिकारी प्रवीण दीक्षित और अभियोजन अधिकारी अभिषेक मल्होत्रा पूर्व मंत्री के प्रभाव में काम कर रहे हैं, इसलिए उन्हें मामले से हटाया जाना चाहिए।
मामला जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से जुड़ा है। विधायक राजेंद्र भारती ने अपनी मां के नाम बैंक में 10.50 लाख रुपए की एफडी तीन साल के लिए जमा की थी, जिस पर 13.50% ब्याज निर्धारित था। आरोप है कि बाद में इस अवधि को बढ़ाकर 15 साल कर दिया गया। बैंक के कर्मचारी नरेंद्र सिंह ने इस मामले को लेकर कोर्ट में परिवाद दायर किया था, जिसके आधार पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रवीण दीक्षित और अभिषेक मल्होत्रा को प्रतिवादी बनाकर नोटिस जारी किए और ट्रायल पर अस्थायी रोक भी लगाई थी। अब याचिका की सुनवाई पूरी होने के बाद केस को दिल्ली ट्रांसफर किया गया है।
राजेंद्र भारती ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा कि परिवादी ने तथ्यों को छिपाकर गलत आरोप लगाए हैं। विधायक ने स्पष्ट किया कि एफडी राशि बैंक में अभी भी सुरक्षित है और इसे बैंक द्वारा भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि 6 जनवरी 1996 के सर्कुलर के तहत एफडी की अवधि बढ़ाई जा सकती थी और उनका यह कार्य उसी नियम के तहत किया गया था।