BY: Yoganand Shrivastva
हिमाचल प्रदेश में फिर बरसी आफ़त की बारिश। कुल्लू और कांगड़ा जिलों में बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पुष्टि की है कि अब तक राज्य में तीन स्थानों पर बादल फटने और नौ जगहों पर अचानक आई बाढ़ के कारण 5 लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग लापता हैं।
तीन जगह फटे बादल, नौ स्थानों पर आई बाढ़
सीएम सुक्खू ने बताया कि कांगड़ा जिले में बादल फटने से 3 लोगों की मौत हुई है, जबकि 5 लोग लापता हैं। दूसरी ओर कुल्लू जिले के सैंज, रेहला बिहाल और गड़सा क्षेत्र में भी बादल फटने की घटनाएं हुई हैं, जहां 2 लोग लापता हैं और एक व्यक्ति जंगल में फंसा हुआ है, जिसे निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
मकानों-सड़कों का भारी नुकसान
मुख्यमंत्री ने बताया कि 15 मकानों को नुकसान पहुंचने की खबर है और ग्रामीण क्षेत्रों में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। नदियों और नालों के पास स्थित गांवों में भी बाढ़ का पानी घुसने से हालात चिंताजनक हो गए हैं।
उन्होंने जनता और पर्यटकों से अपील की है:
“मानसून के दौरान हिमाचल आ सकते हैं, लेकिन कृपया नदियों और नालों से दूरी बनाए रखें।”
बाढ़ में बहे लोग, मणिकरण घाटी में संकट
रेहला बिहाल में लोग घरों से सामान निकालते वक्त बाढ़ में बह गए। ब्रह्म गंगा नाले में अचानक आई बाढ़ से मणिकरण घाटी में खतरे के हालात बन गए हैं। पानी का स्तर घरों तक पहुंच गया है और तेजी से घटता नहीं दिखा, तो नुकसान और बढ़ सकता है।
मनाली और बंजार क्षेत्रों में भी अचानक बाढ़ आने की जानकारी मिली है। एक वायरल वीडियो में एक वाहन बाढ़ में बहता नजर आ रहा है, जो स्थिति की भयावहता को दर्शाता है।
विधायक से लेकर प्रशासन तक अलर्ट मोड में
बंजार के विधायक सुरिंदर शौरी ने कहा:
“सुबह से भारी बारिश हो रही है, सैंज, तीर्थन और गड़सा घाटियों में लोगों ने नुकसान की सूचना दी है। प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया है।”
बंद हुईं सड़कें, भूस्खलन से हालात और गंभीर
लाहौल और स्पीति जिले में काजा से समदोह तक की सड़कें भूस्खलन और मलबे के कारण कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गई हैं। नालों के उफान के चलते यातायात पूरी तरह ठप है और ब्यास-सतलुज जैसी प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है।