दिल्ली केवल देश की राजधानी नहीं, यह सत्ता का जाल है, जिसकी गलियों में कई छुपे राज breathing करते हैं। इनमें सबसे चर्चित नामों में एक है चंद्रास्वामी, उनका सऊदी अरब के हथियार सौदागर अदनान खशोगी से गहरा रिश्ता, और भारत की पूर्व मिस इंडिया पामेला बोर्डेस की ग्लैमरस लेकिन विवादित दास्तां। इन तीनों की कहानियों के धागे सिर्फ राजनीति, पैसे और ताकत तक नहीं, बल्कि भारत के सबसे बड़े राजनीतिक हत्याकांड – राजीव गांधी की हत्या – तक जा पहुंचते हैं।
चंद्रास्वामी: एक तांत्रिक, जिसकी पहुँच थी सत्ता के गलियारों तक
- असली नाम: नेमीचंद जैन
- पहचान: स्वयंभू तांत्रिक और विश्व धर्मायतन सनातन आश्रम के प्रमुख
- प्रभाव: पीएम, सीएम, बड़े उद्योगपति तक उनके दरबार में पहुंचते थे
80 और 90 के दशक में चंद्रास्वामी का दिल्ली में जबरदस्त रसूख था। उनके बारे में कहा जाता है कि प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार पर उनका सीधा असर था। लंदन के शाही परिवार से लेकर हॉलीवुड की मशहूर हस्तियों तक उनके भक्तों की लंबी फेहरिस्त थी।
विवाद भी कम नहीं रहे
- लखुबाई पाठक घोटाला: पीएम राव का नाम लेकर ठगी का आरोप
- सेंट कीट्स फर्जीवाड़ा: वीपी सिंह को बदनाम करने की साजिश
- एलटीटीई फंडिंग का शक: राजीव गांधी हत्याकांड में परोक्ष भूमिका की आशंका
अदनान खशोगी: दुनिया का सबसे बड़ा हथियारों का दलाल
- जन्म: 25 जुलाई 1935, मक्का
- पेशा: हथियार दलाल, अरबपति, सऊदी हुकूमत से करीबी रिश्ते
- पहचान: अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब समेत कई सरकारों के गुप्त सौदों का अहम हिस्सा
अदनान खशोगी के रिश्ते सिर्फ राजनेताओं से नहीं, खुफिया एजेंसियों तक फैले थे।
उनके चर्चित सौदों में शामिल थे:
✅ यमन में गुप्त हथियार सप्लाई
✅ ईरान-कॉन्ट्रा स्कैंडल
✅ सफारी क्लब जैसे गुप्त संगठनों से संबंध
खशोगी ने न केवल सऊदी अरब बल्कि पूरी दुनिया में दलाली की दुनिया को नई परिभाषा दी।
पामेला बोर्डेस: एक मॉडल से ग्लोबल स्कैंडल तक का सफर
- असली नाम: पामेला सिंह
- उपलब्धि: 1982 की मिस इंडिया
- विवाद: ब्रिटेन की संसद में सिक्योरिटी पास मिलने पर सेक्स स्कैंडल
पामेला बोर्डेस ने पहले मॉडलिंग और फिर हाई-प्रोफाइल पार्टियों के जरिए अरबपतियों और ताकतवर नेताओं की दुनिया में जगह बनाई।
उनके अदनान खशोगी से रिश्ते ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया। बाद में ब्रिटेन में कॉल गर्ल और संसद में सुरक्षा जोखिम का बड़ा मामला खड़ा हो गया।
राजीव गांधी हत्याकांड में कैसे जुड़े तार?
राजीव गांधी की 1991 में एलटीटीई द्वारा की गई हत्या के पीछे की बड़ी साजिशों पर जब परतें खुलीं, तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं:
1. लिट्टे के लिए हथियार कौन खरीदता था?
कुमारन पद्मनाभन नामक एजेंट, जिसके खातों से अदनान खशोगी के खातों का सीधा संबंध पाया गया।
2. खशोगी-चंद्रास्वामी कनेक्शन
जैन कमीशन की रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि खशोगी और चंद्रास्वामी करीबी सहयोगी थे।
चंद्रास्वामी पर भी लिट्टे को फंडिंग करने के आरोप लगे।
3. साजिश का भारतीय सिरा
चंद्रास्वामी और तत्कालीन विदेश मंत्री नरसिम्हा राव की फोन कॉल्स की टाइमिंग ने शक और गहरा कर दिया।
4. जश्न की खबरें
डॉन से नेता बने बबलू श्रीवास्तव की गवाही के मुताबिक, राजीव गांधी की हत्या पर चंद्रास्वामी ने खुशी जताई थी।
तिकड़ी का अंत: हर सितारे का ढलना तय होता है
किरदार | क्या हुआ उनके साथ? |
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अदनान खशोगी | गिरफ्तारी, साम्राज्य का पतन, 2017 में मौत |
चंद्रास्वामी | घोटालों में फंसे, 2017 में निधन |
पामेला बोर्डेस | गुमनामी में नई जिंदगी, गोवा में शांत जीवन |
खशोगी का कभी आलीशान जहाज “नबीला” भी बिक गया, जिसे डोनाल्ड ट्रंप ने खरीदा।
चंद्रास्वामी का कभी आबाद आश्रम सुनसान हो गया।
पामेला ने ग्लैमर छोड़ फोटोग्राफी को अपना पेशा बना लिया।
निष्कर्ष: सत्ता, पैसे और दलाली का खतरनाक संगम
इस पूरी कहानी से साफ होता है कि राजनीति, अंतरराष्ट्रीय हथियार सौदे और ग्लैमर की दुनिया जब एक साथ मिलते हैं, तो नतीजे बेहद खतरनाक होते हैं। चंद्रास्वामी, अदनान खशोगी और पामेला बोर्डेस की यह तिकड़ी भारत की राजनीति में ऐसा ही भूचाल लेकर आई, जिसकी गूंज आज भी सियासत और खुफिया गलियारों में सुनाई देती है।