भारतीय क्रिकेट टीम ने 12 साल बाद एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की, और इस खास मौके पर खिलाड़ियों ने इटैलियन ऊन और गोल्डन एम्ब्रॉयडरी वाली सफेद जैकेट पहनी। यह जैकेट न केवल स्टाइलिश थी, बल्कि इसके पीछे एक खास परंपरा और गौरवशाली इतिहास भी जुड़ा हुआ है। आखिर यह जैकेट क्यों पहनी जाती है? इसका ट्रेंड कब और कैसे शुरू हुआ? आइए जानते हैं।
भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत
भारतीय टीम ने 12 साल बाद इस ऐतिहासिक मुकाबले में जीत हासिल की, जिसने फैंस को 2011 वर्ल्ड कप की याद दिला दी। टीम के सभी खिलाड़ियों ने इस खास मौके पर सफेद जैकेट पहनी, जिससे यह मुकाबला और भी यादगार बन गया।
क्या है इस सफेद जैकेट की खासियत?
यह जैकेट इटैलियन ऊन (Italian Wool) से बनी होती है, जो इसे एक क्लासी और रॉयल लुक देती है।
इसमें गोल्डन एम्ब्रॉयडरी होती है, जो टीम की जीत और गौरव को दर्शाती है।
जैकेट पर भारतीय क्रिकेट टीम का लोगो उकेरा गया होता है।
इसे खासतौर पर ऐतिहासिक जीत या बड़े टूर्नामेंट्स में विजेताओं के सम्मान में पहनने की परंपरा है।
कब और कैसे शुरू हुआ यह ट्रेंड?
इस तरह की जैकेट पहनने की परंपरा पश्चिमी देशों में स्पोर्ट्स इवेंट्स के दौरान देखी गई थी।
भारत में इसका ट्रेंड तब लोकप्रिय हुआ जब 2011 में भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप जीता था और खिलाड़ियों को खासतौर पर डिज़ाइन की गई जैकेट दी गई थी।
इसके बाद, इसे बड़े मुकाबलों में जीत के जश्न के रूप में अपनाया जाने लगा।
क्यों खास होती है यह जैकेट?
- गौरव और सम्मान का प्रतीक – यह जैकेट टीम की जीत को दर्शाती है और खिलाड़ियों के योगदान का सम्मान करती है।
- टीम स्पिरिट को दर्शाती है – जब पूरी टीम एक जैसी जैकेट पहनती है, तो यह उनकी एकजुटता और सामूहिक प्रयास का प्रतीक बनती है।
- स्टाइल और परंपरा का मेल – यह जैकेट सिर्फ एक परिधान नहीं, बल्कि एक गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बन गई है।
क्या आगे भी जारी रहेगा यह ट्रेंड?
भारतीय टीम की हर बड़ी जीत के बाद यह जैकेट एक खास पहचान बन चुकी है। भविष्य में भी इसे बरकरार रखा जा सकता है और शायद नए डिज़ाइन्स के साथ इसे और खास बनाया जाए।