जब चंबल बोला — राजा तो सिर्फ मोर सिंह! पढ़िए बीहड़ों से लेकर राजनीति तक का सफर

- Advertisement -
Ad imageAd image
मोर सिंह गुर्जर

चंबल की बीहड़ों की जब भी बात होती है, डाकुओं की कहानियां अपने आप ज़ुबां पर आ जाती हैं। इनमें से कुछ डकैत ऐसे रहे जिन्होंने खौफ के साथ-साथ लोगों के दिलों में एक अलग ही छवि बनाई। उन्हीं में से एक नाम है — मोर सिंह गुर्जर। कभी उसे ‘दादा’ कहा गया, कभी ‘रोबिन हुड’, तो कभी ‘इंडिया का सबसे महंगा डाकू’, जिसके सिर पर 3 लाख रुपये का इनाम था। यह बात 1960 के दशक की है, जब 3 लाख की कीमत आज के करोड़ों के बराबर मानी जाती थी।

मोर सिंह की एक किडनैपिंग से ही उसके गैंग ने उस ज़माने में करीब 26 लाख रुपये की फिरौती वसूली थी। आइए जानते हैं चंबल के इस कुख्यात लेकिन दिलचस्प डाकू की पूरी कहानी…


बचपन से अन्याय, और बीहड़ों की राह

मोर सिंह की कहानी भी बाकी चंबल के डकैतों जैसी ही थी। उसके ही किसी रिश्तेदार ने उसकी जमीन हड़प ली। पुलिस और अदालतों के चक्कर काटते-काटते जब उसे इंसाफ नहीं मिला, तो उसने हथियार उठा लिए और चंबल की बीहड़ों का रास्ता पकड़ लिया।

उस वक्त चंबल में फिरंगी सिंह, देवीलाल, चक्की मिडास, शिवा सिंह और रामका लाला जैसे नामी डाकू गैंग सक्रिय थे। मोर सिंह ने भी कोशिश की कि उसे इन गैंग्स में जगह मिल जाए, लेकिन हर जगह से उसे ठुकरा दिया गया। आखिरकार, उसने खुद का गैंग बना लिया।


मोर सिंह का गैंग और उसका बढ़ता खौफ

1960 के दशक में उसके गैंग का पहला केस दर्ज हुआ। धीरे-धीरे, लूट, हत्या और फिरौती का सिलसिला बढ़ता गया। कुछ ही सालों में उसके गिरोह में 150 से ज्यादा डकैत शामिल हो गए। उसका खौफ मध्यप्रदेश और राजस्थान तक फैल गया।

पुलिस को चकमा देने में माहिर मोर सिंह ने मुखबिरी पर सख्त पाबंदी लगाई। जिसने भी मुखबिरी की, उसने पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। उसका इतना खौफ था कि जहां दूसरे डकैत गांव में रुकने से डरते थे, वहीं मोर सिंह खुलेआम गांवों में घूमता था।

महिलाओं के प्रति अलग नजरिया

दिलचस्प बात ये थी कि मोर सिंह अपने गैंग में किसी महिला को शामिल नहीं करता था। उसके गैंग में सख्त आदेश थे कि कोई भी महिला से छेड़छाड़ नहीं करेगा। यहां तक कि अगर कोई महिला गलती से चंबल में भटक जाए, तो उसके खाने-पीने और घर वापस भेजने का पूरा इंतजाम किया जाता।


चंबल के सबसे बड़े किडनैपिंग केस से बना ‘सबसे महंगा डाकू’

1965 में मोर सिंह ने एक ऐसा किडनैपिंग किया, जिससे उसका नाम देश-विदेश में मशहूर हो गया। उसने दिल्ली के मशहूर मूर्ति व्यापारी को चंबल बुलवाकर अगवा कर लिया। कहा जाता है, व्यापारी प्राचीन मूर्तियों की तस्करी से करोड़ों कमाता था।

मोर सिंह ने उसे छोड़ने की एवज में बड़ी फिरौती मांगी। कुछ रिपोर्ट्स में 50 लाख, तो कुछ में 26 लाख रुपये की रकम बताई जाती है। उस दौर में यह चंबल के इतिहास की सबसे बड़ी फिरौती थी।

किडनैपिंग, हत्या और फिरौती का लंबा रिकॉर्ड

  • 250 से ज्यादा किडनैपिंग केस
  • 50 से ज्यादा हत्याएं
  • 76 बार पुलिस से सीधा सामना, लेकिन हर बार बच निकला

1970 तक मोर सिंह पुलिस के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया। उसके सिर पर 3 लाख और पूरे गैंग पर कुल 12 लाख का इनाम घोषित किया गया। उस दौर में यह रकम बहुत बड़ी मानी जाती थी।


चंबल के डकैतों का आत्मसमर्पण और मोर सिंह की अहम भूमिका

1970 में खबर आई कि सरकार डकैतों के पुनर्वास की योजना बना रही है। दरअसल, 1960 में विनोबा भावे ने चंबल के डकैतों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश की थी, लेकिन वो पहल ज्यादा असरदार नहीं रही।

1972 में समाजसेवी जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने यह पहल दोबारा शुरू की। जब जेपी इंदिरा गांधी से मिले, तो उन्होंने साफ कहा — “पहले मोर सिंह हथियार डाले, तभी योजना पर बात होगी।”

आखिरकार 14 अप्रैल 1972 को, मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के धरहरा गांव में मोर सिंह ने अपने 200 साथियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। इस मौके पर “गांधी जी की जय”, “जेपी की जय” के नारे गूंजे।


जेल से रिहाई, फिल्मों में काम और राजनीति में एंट्री

आत्मसमर्पण के बाद मोर सिंह पर मुकदमा चला। उसे 20 साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माना हुआ। अदालत में उसने मजाक में कहा — “जज साहब, अगर मैं फांसी चढ़ गया तो जुर्माना कौन देगा?”

अच्छे व्यवहार के चलते उसे 1980 में रिहाई मिल गई। सरकार ने उसे 35 एकड़ जमीन खेती के लिए दी। इसके बाद उसने 1982 में रिलीज हुई फिल्म ‘चंबल के डाकू’ में डाकू की ही भूमिका निभाई।

राजनीति में कदम

12 साल बाद, मोर सिंह ने राजनीति में कदम रखा। वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ, नगर पंचायत का चुनाव लड़ा और जीता भी। इसके बाद वह समाजसेवा में सक्रिय हो गया। उसने टूटे-फूटे मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया।


अंतिम समय और एक डाकू से सम्मानित व्यक्ति बनने तक की कहानी

2019 में मोर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। 2020 में उसने अंतिम सांस ली। एक दशक तक चंबल का खौफ रहा यह नाम, आखिरकार खेती, फिल्मों, राजनीति और समाजसेवा करते-करते खत्म हो गया।

Also Read: अयातुल्ला खुमैनी की अनसुनी भारतीय कहानी | खुमैनी का भारत कनेक्शन


निष्कर्ष : डाकू या हीरो — दोनों का फर्क मिटाती है चंबल की कहानी

मोर सिंह की कहानी बताती है कि चंबल की बीहड़ों में जन्मी हर बंदूकधारी की कहानी सिर्फ खून-खराबे तक नहीं सिमटती। कई बार हालात, अन्याय और सिस्टम की नाकामी इंसान को उस मोड़ पर ले जाते हैं, जहां से वापस लौटना मुश्किल होता है।

लेकिन अगर मौका मिले, तो एक डाकू भी मुख्यधारा में लौटकर समाजसेवी और नेता बन सकता है — यही मोर सिंह गुर्जर की कहानी ने साबित कर दिया।


Leave a comment

महाराष्ट्र FYJC एडमिशन 2025: CAP राउंड 1 सीट अलॉटमेंट रिजल्ट आज

महाराष्ट्र FYJC एडमिशन 2025 से जुड़ी बड़ी खबर का इंतजार आज खत्म

आपातकाल स्मृति दिवस पर लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान

रायपुर से सुधीर वर्मा की रिपोर्ट रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

WWE सुपरस्टार चैड गेबल की सर्जरी जुलाई में, वापसी पर सस्पेंस | Liv Morgan भी चोटिल

नई दिल्ली। WWE के मशहूर सुपरस्टार चैड गेबल जुलाई की शुरुआत में

WWE Night of Champions 2025: सऊदी अरब इवेंट पर बड़ा अपडेट

हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर एयरस्ट्राइक के

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और एनीमिया मुक्त भारत के तहत जांच शिविर

मरवाही: "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" और "एनीमिया मुक्त भारत" की ओर बड़ा

JSW पेंट्स जल्द करेगा AkzoNobel India का अधिग्रहण, डील फाइनल स्टेज में

Dulux ब्रांड से मिलेगी मजबूती, डेकोरेटिव पेंट्स सेगमेंट में बढ़ेगी JSW की

NMDC परियोजना में स्थानीय भर्ती की मांग पर उग्र आंदोलन

दंतेवाड़ा से आज़ाद सक्सेना की ग्राउंड रिपोर्ट दंतेवाड़ा (किरंदुल)।दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल

अमरनाथ यात्रा के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था, एलजी मनोज सिन्हा ने श्रद्धालुओं से की अपील

BY: Yoganand Shrivastva श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को

नागपुर: होटल की आड़ में चल रहा था देह व्यापार, बाप-बेटे की गंदी साजिश बेनकाब

BY: Yoganand Shrivastva महाराष्ट्र के नागपुर में क्राइम ब्रांच की टीम ने

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई का बड़ा बयान: “भारत का संविधान सर्वोच्च, न कि संसद”

BY: Yoganand Shrivastva सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने एक

NHAI की अनूठी पहल: रणथंभौर में तैयार हुआ देश का सबसे लंबा वाइल्डलाइफ ओवरपास

शानदार पहल: इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यावरण का बेहतरीन तालमेल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)

भारत ने SCO जॉइंट स्टेटमेंट पर साइन क्यों नहीं किया? जानिए पूरा मामला

हाल ही में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की डिफेंस मिनिस्टर्स मीटिंग के

जयप्रकाश एसोसिएट्स अधिग्रहण: अदानी, वेदांता, जिंदल समेत 5 कंपनियों ने लगाई बोली | जानिए पूरी जानकारी

वित्तीय संकट से जूझ रही इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स

John Cena ने रेसलिंग छोड़ने से पहले किया बड़ा खुलासा, पत्नी को बताया असली जुनून | WWE News in Hindi

WWE सुपरस्टार और हॉलीवुड अभिनेता जॉन सीना (John Cena) ने आखिरकार उस

योगी सरकार देगी रिंकू सिंह को सरकारी नौकरी, शिक्षा विभाग में मिल सकता है बीएसए का पद

BY: Yoganand Shrivastva क्रिकेटर रिंकू सिंह, जो समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया

गया में नौकरी का मौका: 28 जून को रोजगार शिविर, सैलरी 18,000 तक

अगर आप गया जिले में रहकर नौकरी की तलाश कर रहे हैं,

अपमान से आहत पूर्व सैनिक ने मंदिर को दान कर दी करोड़ों की संपत्ति, बेटियों पर लगाए गंभीर आरोप

BY: Yoganand Shrivastva तिरुवन्नामलाई (तमिलनाडु): तमिलनाडु के अरुलमिगु रेणुगांबल अम्मन मंदिर में