श्रीनगर: सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पठानकोट सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। इस कार्रवाई में एक घुसपैठिए को मार गिराया गया।
घटना का विवरण
बीएसएफ के जवानों ने पठानकोट के ताशपतन क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संदिग्ध गतिविधि देखी। इसके तुरंत बाद जवान अलर्ट हो गए। एक घुसपैठिया सीमा पार कर भारत में दाखिल होने की कोशिश कर रहा था। बीएसएफ जवानों ने उसे रोकने के लिए चुनौती दी, लेकिन उसने चेतावनी को नजरअंदाज कर आगे बढ़ना जारी रखा।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बीएसएफ के जवानों ने फायरिंग कर घुसपैठिए को मार गिराया। अब सुरक्षाबल घुसपैठिए की पहचान और उसके मकसद का पता लगाने में जुटे हैं। बीएसएफ ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस घुसपैठ की घटना को लेकर पाकिस्तान रेंजर्स के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा।
आतंकियों के खिलाफ सख्त कदमों पर हुई चर्चा
इससे पहले, मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक का मकसद चिनाब घाटी में आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक एकीकृत योजना तैयार करना था।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष चिनाब घाटी में कई आतंकवादी घटनाएं हुई थीं। इस बैठक में ग्राम रक्षा गार्डों को सशक्त बनाने और पूर्व सैनिकों को हथियार देने जैसे उपायों पर चर्चा की गई।
बैठक की अध्यक्षता आतंकवाद निरोधक बल (डेल्टा) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, मेजर जनरल एपीएस बल ने की। इसमें जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक भीम सेन टूटी, सीआरपीएफ के महानिरीक्षक आर. गोपाल कृष्ण राव और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में डोडा, किश्तवाड़ और रामबन के पुलिस उपमहानिरीक्षक, सेक्टर कमांडर, कमांडिंग अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) और स्थानीय एवं केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
सुरक्षा एजेंसियों का समन्वय मजबूत करने की पहल
यह ऐतिहासिक बैठक सेना, पुलिस, खुफिया एजेंसियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ सख्त रणनीति अपनाना और देश की सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाना है।
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