दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: बीजेपी ने ओखला और मुस्तफाबाद में बढ़त बनाई, एआईएमआईएम उम्मीदवार पीछे
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम सामने आ रहे हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), आम आदमी पार्टी (AAP), और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के बीच तगड़ी त्रिकोणीय टक्कर देखने को मिल रही है। 70 सीटों में ओखला और मुस्तफाबाद अहम चुनावी क्षेत्र बनकर उभरे हैं, जिनकी राजनीतिक परिस्थितियाँ काफी खास हैं। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), जिसका नेतृत्व असदुद्दीन ओवैसी कर रहे हैं, ने इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन शुरुआती रुझानों के अनुसार पार्टी का प्रदर्शन कमजोर नजर आ रहा है।
ओखला: बीजेपी के मनीष चौधरी की बढ़त
ओखला में बीजेपी के उम्मीदवार मनीष चौधरी ने अच्छी बढ़त बनाई है, अब तक 4,955 वोट हासिल किए हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के अमानतुल्लाह खान 2,695 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार अरबा खान को केवल 475 वोट मिले हैं। एआईएमआईएम के शिफा उर रहमान खान को तो केवल 359 वोट ही मिले हैं। हालांकि ओखला में आम आदमी पार्टी का मजबूत जनाधार रहा है, लेकिन बीजेपी का प्रदर्शन इस बार बेहतर दिखाई दे रहा है। फिर भी, चुनाव के अंतिम परिणामों में उलटफेर हो सकता है।
मुस्तफाबाद: बीजेपी ने दिखाई स्पष्ट बढ़त
मुस्तफाबाद में भी बीजेपी के उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट ने शानदार बढ़त बनाई है, और अब तक 21,762 वोटों के साथ वह आगे चल रहे हैं। आम आदमी पार्टी के आदिल अहमद खान 5,581 वोटों के साथ काफी पीछे हैं, वहीं कांग्रेस के अली मेहदी को केवल 722 वोट मिले हैं। एआईएमआईएम के उम्मीदवार मोहम्मद ताहिर हुसैन, जो चुनाव प्रचार के लिए जमानत पर रिहा हुए थे, उन्हें केवल 119 वोट मिले हैं। इससे साफ है कि एआईएमआईएम का इस सीट पर भी प्रदर्शन कमजोर रहा है। बीजेपी की मुस्तफाबाद में बढ़त अब तक काफी मजबूत नजर आ रही है।
एआईएमआईएम की दिल्ली में कमजोर स्थिति
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने इन दो मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अपनी धाक जमा कर दिल्ली की राजनीति में खुद को प्रमुख खिलाड़ी बनाने की उम्मीद की थी, लेकिन अब तक के परिणामों में पार्टी की स्थिति काफी कमजोर दिखाई दे रही है। ओवैसी ने चुनाव प्रचार के लिए काफी मेहनत की थी, यहां तक कि चुनाव प्रचार के लिए जेल से अस्थायी रिहाई भी ली थी, लेकिन उनकी पार्टी के प्रयासों के बावजूद बीजेपी और AAP जैसी स्थापित पार्टियों के सामने उनका प्रभाव नहीं बन पाया।
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दिल्ली चुनावों का व्यापक रुझान
ओखला और मुस्तफाबाद के अलावा भी बीजेपी कई अन्य सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जो उसे संभावित बहुमत की ओर अग्रसर कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी, जो पिछले एक दशक से दिल्ली पर काबिज रही है, इस बार कई क्षेत्रों में कड़ी टक्कर का सामना कर रही है। वहीं कांग्रेस अधिकांश सीटों पर पिछड़ती हुई नजर आ रही है और उसे एंटी-इं कंबेंसी का फायदा नहीं मिल पा रहा है।
आगे क्या होगा?
हालांकि गिनती का काम अभी जारी है, शुरुआती रुझान दिल्ली की राजनीतिक दिशा में एक बड़ा बदलाव दिखा रहे हैं। बीजेपी का शानदार प्रदर्शन दिल्ली में 27 साल से काबिज आम आदमी पार्टी की सरकार के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। वहीं एआईएमआईएम का कमजोर प्रदर्शन यह साबित करता है कि छोटे क्षेत्रीय दलों के लिए राष्ट्रीय पार्टियों के मुकाबले मुकाबला करना कितना मुश्किल हो सकता है।
मुख्य बातें:
- ओखला: बीजेपी के मनीष चौधरी 4,955 वोटों के साथ आगे; AAP के अमानतुल्लाह खान 2,695 वोटों के साथ पीछे।
- मुस्तफाबाद: बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट 21,762 वोटों के साथ बढ़त बनाए हुए हैं; एआईएमआईएम के ताहिर हुसैन को सिर्फ 119 वोट मिले।
- एआईएमआईएम की स्थिति: ओखला और मुस्तफाबाद में कमजोर प्रदर्शन, बावजूद इसके कि उन्होंने रणनीतिक रूप से प्रचार किया था।
- व्यापक रुझान: बीजेपी को मजबूती, AAP को अपने क्षेत्रीय किलों को बचाने में मुश्किल, और कांग्रेस का हाल बेहाल।
नवीनतम परिणामों के लिए बने रहें, जैसे ही वोटों की गिनती खत्म होती है, दिल्ली की नई राजनीतिक तस्वीर सामने आती है।