25 जून 1975 को भारत के लोकतंत्र के इतिहास में एक काला दिन के रूप में याद किया जाता है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। आज इस घटना के 50 साल पूरे हो गए हैं, और इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) इसे संविधान हत्या दिवस के रूप में मना रही है।
इस दिन को याद करते हुए BJP पूरे देश में जनजागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है ताकि नई पीढ़ी को बताया जा सके कि कैसे आम लोगों के अधिकारों का हनन हुआ था और प्रेस की स्वतंत्रता को कुचला गया था।
क्या है ‘संविधान हत्या दिवस’?
BJP हर साल 25 जून को आपातकाल के विरोध में कार्यक्रम आयोजित करती रही है, लेकिन इस बार इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य है जनता को यह याद दिलाना कि कैसे आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान के सिद्धांतों को ताक पर रख दिया गया था।
दिल्ली में बड़ा आयोजन: त्यागराज स्टेडियम में मुख्य कार्यक्रम
- दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में संस्कृति मंत्रालय की ओर से “संविधान हत्या दिवस 2025 – स्वतंत्रता के इतिहास का काला अध्याय” नामक कार्यक्रम होगा।
- इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शिरकत करेंगे।
- कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को आपातकाल की सच्चाई से अवगत कराना है।
अन्य राज्यों में भी कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश:
- लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
- मुरादाबाद: यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भाग लेंगे।
- प्रतापगढ़: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य
- बाराबंकी: डिप्टी सीएम बृजेश पाठक
दिल्ली:
- कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आपातकाल पर आधारित प्रदर्शनी लगेगी।
- इस दौरान मीसा बंदियों (आपातकाल के दौरान गिरफ्तार लोगों) का विशेष सम्मान किया जाएगा।
अन्य पहल:
- बीजेपी नेता, सांसद, और संगठन पदाधिकारी देशभर में जागरूकता अभियान चलाएंगे।
- छात्रों, युवाओं और आम नागरिकों को आपातकाल की सच्चाई से परिचित कराया जाएगा।
क्या हुआ था 25 जून 1975 को?
- 25 जून की रात, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी।
- राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने प्रधानमंत्री की सिफारिश पर आपातकाल लागू किया।
- 21 महीने तक चला यह आपातकाल लोकतंत्र के लिए सबसे कठिन समय माना जाता है।
- हजारों राजनीतिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जेल भेजा गया।
- प्रेस की आजादी पर भी जबरदस्त प्रतिबंध लगाया गया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस पर हमला
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा:
“जो लोग आज संविधान की प्रति लेकर घूमते हैं, उन्हें हर साल 25 जून को पश्चाताप करना चाहिए।”
“कांग्रेस ने आपातकाल जैसे तानाशाही फैसले लेकर संविधान का अपमान किया। वहीं, BJP संविधान और लोकतंत्र की रक्षा में पूरी तरह समर्पित है।”
आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का वह दौर था, जब नागरिक अधिकारों का हनन हुआ और अभिव्यक्ति की आज़ादी को दबा दिया गया। BJP आज इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मना रही है ताकि इस काले अध्याय को भुलाया न जाए और आने वाली पीढ़ी इससे सबक ले सके।
यह दिन सिर्फ राजनीति का हिस्सा नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास की एक बड़ी सीख भी है।