BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली। मतदाता सूची को लेकर जारी राजनीतिक विवाद में अब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम भी आ गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिक बनने से पहले ही अवैध रूप से वोटर लिस्ट में दर्ज कर दिया गया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि सोनिया गांधी, जिनका जन्म 1946 में इटली में सोनिया माइनो के नाम से हुआ था, का नाम 1980 से 1982 के बीच मतदाता सूची में मौजूद था। यह वह समय था जब उन्हें भारतीय नागरिकता मिलने में अभी एक साल बाकी था।

अमित मालवीय के दस्तावेजी दावे
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर 1980 की मतदाता सूची का कथित अंश साझा किया। उन्होंने दावा किया कि इस सूची में सोनिया गांधी का नाम एक मतदाता के रूप में दर्ज था, जबकि उस समय उनके पास भारतीय नागरिकता नहीं थी। मालवीय के अनुसार, यह चुनाव कानून का सीधा उल्लंघन था, जिसमें केवल भारतीय नागरिक को ही वोटर के रूप में पंजीकृत करने का प्रावधान है।
विवाद के बाद नाम हटाया गया
मालवीय का कहना है कि 1968 में राजीव गांधी से विवाह के बाद सोनिया गांधी का नाम उस समय जोड़ा गया, जब गांधी परिवार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सरकारी आवास में रह रहा था। उनका आरोप है कि 1980 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली संसदीय क्षेत्र की वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के दौरान यह प्रविष्टि हुई। 1982 में विवाद उठने पर उनका नाम सूची से हटा दिया गया।
नागरिकता के बाद भी अनियमितता का आरोप
मालवीय ने यह भी आरोप लगाया कि 1983 में नागरिकता मिलने के बाद भी उनके नाम को सूची में शामिल करने में नियमों की अनदेखी की गई। उनके अनुसार, मतदाता सूची की कट-ऑफ तिथि 1 जनवरी थी, जबकि सोनिया गांधी को नागरिकता अप्रैल में प्रदान की गई थी।
अनुराग ठाकुर ने इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को भी निशाने पर लिया और आरोप लगाया कि उन्होंने महाराष्ट्र और कर्नाटक में मतदाता धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में झूठे आंकड़े पेश किए।





