रिपोर्ट: विष्णु गौतम
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निशाने पर आ गए हैं। ईडी ने दावा किया है कि 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का पैसा चैतन्य बघेल तक भी पहुंचा। सोमवार को ईडी ने 17 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें भूपेश बघेल और उनके करीबी सहयोगियों के घरों को खंगाला गया।
ईडी ने क्या कहा?
ईडी का कहना है कि छत्तीसगढ़ में हुए इस शराब घोटाले का पैसा भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल तक पहुंचा है। ईडी की टीमें भिलाई-3 पदुमनगर स्थित भूपेश बघेल के घर पर भी छानबीन कर रही हैं। सोमवार सुबह ही चार गाड़ियों में ईडी की टीम वहां पहुंची और दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी।
कई बड़े कारोबारी भी जांच के घेरे में
ईडी की यह छापेमारी दुर्ग जिले के 17 ठिकानों पर की गई, जिसमें भिलाई के नेहरू नगर में मनोज राजपूत, चरोदा में अभिषेक ठाकुर और संदीप सिंह, दुर्ग में किशोर राइस मिल के मालिक कमल अग्रवाल, सुनील अग्रवाल (सहेली ज्वेलर्स) और बिल्डर अजय चौहान के परिसरों पर भी कार्रवाई जारी है।
भूपेश बघेल पर पहले से ही घोटाले के आरोप
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान कई भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। ईडी पहले भी शराब घोटाले, कोयला घोटाले और अन्य भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रही थी। अब यह खुलासा कि इस घोटाले का पैसा चैतन्य बघेल तक भी पहुंचा, मामला और गंभीर बना देता है।
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?
ईडी की जांच में यह सामने आया कि छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री से होने वाले राजस्व में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई। यह घोटाला करीब 2,161 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है, जिसमें सरकारी तंत्र, व्यापारियों और राजनेताओं की मिलीभगत की बात सामने आई थी।
ईडी की कार्रवाई से बढ़ी सियासी हलचल
ईडी की इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने ईडी की इस छापेमारी को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है, जबकि बीजेपी इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया सही कदम मान रही है।
क्या आगे होगा?
ईडी जल्द ही चैतन्य बघेल से पूछताछ कर सकती है। इस मामले में कई और बड़े नामों के सामने आने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल, छत्तीसगढ़ की राजनीति में यह मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है।